10 वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों का चल रहा निर्माण कार्य, 136 वंदे भारत ट्रेन सेवाएं देश में चालू

Vande Bharat Express PM modi flag trainVande Bharat Express PM modi flag train

वर्तमान में देश में लंबी और मध्यम दूरी की यात्रा के लिए 10 वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों का निर्माण कार्य चल रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पहला प्रोटोटाइप स्लीपर वंदे भारत निर्मित हो चुका है और इसका फील्ड ट्रायल किया जाएगा।

136 वंदे भारत ट्रेन सेवाएं चालू

रेल मंत्री ने लोकसभा में एक वक्तव्य में कहा कि इसके अलावा 200 वंदे भारत स्लीपर रेक के निर्माण का काम भी प्रौद्योगिकी भागीदारों को सौंपा गया है। ट्रेन के रोलआउट की समय-सीमा परीक्षणों के सफल समापन पर निर्भर है। 2 दिसंबर तक, देशभर में छोटी और मध्यम दूरी की यात्रा के लिए भारतीय रेलवे के ब्रॉड गेज विद्युतीकृत नेटवर्क पर 136 वंदे भारत ट्रेन सेवाएं चालू हैं।

एलएचबी कोच का उत्पादन लगातार बढ़ा

रेल मंत्री ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि भारतीय रेलवे की उत्पादन इकाइयां अप्रैल 2018 से केवल एलएचबी कोच का उत्पादन कर रही हैं। पिछले कुछ वर्षों में एलएचबी कोच का उत्पादन लगातार बढ़ा है। 2014-24 के दौरान निर्मित एलएचबी कोच की संख्या 2004-14 के दौरान निर्मित (2,337) संख्या से 16 गुना (36,933) अधिक है। भारतीय रेलवे (आईआर) ने एलएचबी कोचों की भरमार कर दी है जो तकनीकी रूप से बेहतर हैं और इनमें एंटी क्लाइम्बिंग व्यवस्था, विफलता संकेत प्रणाली के साथ एयर सस्पेंशन और कम संक्षारक शेल जैसी विशेषताएं हैं।

दिव्यांगजनों और कम गतिशीलता वाले यात्रियों के लिए सुगमता सुनिश्चित

उन्होंने कहा कि “सुगम्य भारत मिशन” (सुलभ भारत अभियान) के हिस्से के रूप में, भारतीय रेलवे दिव्यांगजनों और कम गतिशीलता वाले यात्रियों के लिए सुगमता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है। दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के दिशा-निर्देशों के तहत, रैंप, सुलभ पार्किंग, ब्रेल और स्पर्शनीय संकेत, कम ऊंचाई वाले काउंटर और लिफ्ट व एस्केलेटर जैसी व्यापक सुविधाएं प्रदान की गई हैं। नवंबर 2024 तक, भारतीय रेलवे ने 399 स्टेशनों पर 1,512 एस्केलेटर और 609 स्टेशनों पर 1,607 लिफ्टें स्थापित की थीं, जो पिछले दशक की तुलना में क्रमशः 9 और 14 गुना की उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है। इसके अलावा, अधिकांश मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों में चौड़े प्रवेश द्वार, सुलभ शौचालय और व्हीलचेयर पार्किंग वाले समर्पित कोच उपलब्ध हैं, जबकि वंदे भारत ट्रेनें दिव्यांगजनों के लिए स्वचालित दरवाजे, निर्धारित स्थान और ब्रेल साइनेज जैसी सुविधाओं के साथ बेहतर सुगमता प्रदान करती हैं।

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