बिहार में शिक्षकों के तबादला नीति और पेपर लीक रोकने के लिए विधानसभा में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति संशोधन विधेयक बिहार लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण विधेयक 2024 पास हुआ है. बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा है कि विधेयक का मुख्य उद्देश्य है कि परीक्षा में कोई गड़बड़ी न हो. इसके लिए परीक्षा में तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. वहीं शिक्षकों के तबादला नीति में मानवीय मूल्यों को ध्यान में रखा जाएगा।
परीक्षाएं होंगी कंप्यूटराइज: शिक्षा मंत्री ने कहा कि कंप्यूटराइजेशन के जरिए हम लोग परीक्षा करना चाहते हैं. इसका लाभ छात्र-छात्राएं ले सके. अधिकांश छात्र-छात्राएं ऑफ कंप्यूटर फ्रेंडली टेक्नोलॉजी फ्रेंडली धीरे-धीरे हो रहे हैं।
बच्चों की पढ़ाई नहीं होगी बाधित: शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षकों के तबादला नीति में सेक्रेटरी की कमेटी है. हम लोग उसमें एक ह्यूमैनिटेरियन अप्रोच रखेंगे, लेकिन अनुशासन भी हो. इसके चलते पढ़ाई कहीं से भी बाधित न हो. जब कमेटी अपनी रिपोर्ट के माध्यम से अनुशंसा करेगी तो उसे पर वह विचार करेंगे. जहां तक समय सारणी की बात है वह विचाराधीन है. हम सदन को इस संबंध में सूचित करेंगे।
पेपर लीक में दोषी पर होगी कड़ी कार्रवाई: शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा है कि “विधानसभा में बिहार लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण विधेयक 2024 सदन से पास हो गया. इस विधेयक में प्रावधान किया गया है कि पेपर लीक या इससे जुड़ी अन्य किसी भी गतिविधि में शामिल होने वाले इस कानून के तहत दोषी होंगे और उनपर कठोर कार्रवाई की जायेंगे. ” विधेयक में स्पष्ट है कि परीक्षा समिति चाहती है कि उसकी परीक्षाएं कदाचार मुक्त हो और ट्रांसपेरेंट रहे।
क्या है कानून में प्रावधान?: एंटी पेपर लीक कानून के अनुसार पेपर लीक मामले में दोषी पाए जाने के बाद शख्स को 10 साल की सजा और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. दूसरे अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा देने के मामले में दोषी पाए जाने पर अपराधी को 3-5 साल की जेल होगी और दस लाख का जुर्माना भी लगाया जाएगा. इसके साथ ही अगर परीक्षा में गड़बड़ी मामले में किसी संस्थान का नाम सामने आता है तो उस संस्थान से परीक्षा का पूरा खर्चा वसूला जाएगा. वहीं संस्थान की संपत्ति कुर्क भी की जा सकती है।