कोरोना ने फिर से डराया, पिछले 24 घंटे में 328 नए मामले आए सामने

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कोरोना वायरस देश में एक बार फिर से पैर पसारने लगा है। देश में लगातार कोविड-19 के नए वैरिएंट के मामले सामने आ रहे हैं। पिछले 24 घंटे में देश में कुल 328 लोग कोविड पॉजिटिव हुए हैं। वहीं एक व्यक्ति की मौत भी हुई है। इसके साथ ही देश में कुल कोविड पॉजिटिव लोगों की संख्या 2997 हो चुकी है। हालांकि गनीमत की बात यह है कि इनमें से ज्यादातर लोग घर पर रहकर ही इलाज करा रहे हैं।

नए केस सबसे ज्यादा दक्षिण भारत के राज्य केरल से सामने आ रहे हैं। वहीं कर्नाटक और तमिलनाडु में भी लगभग हर रोज 10 से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं। कोरोना वायरस के इस प्रसार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को चिंतित कर दिया है। मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को अलर्ट कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि राज्य अपनी मशीनरी को किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखें। अस्पतालों को भी स्टैंड बाई पर रख दिया गया है। यहां कोरोना के मरीजों के लिए स्पेशल वार्ड भी बना दिए गए हैं।

नोएडा से सामने आया पहला मामला

वहीं कोरोना के नए संक्रमण ने दिल्ली-एनसीआर में भी अपना अटैक बोल दिया है। यहां उत्तर प्रदेश के नोएडा में इसका पहला मामला सामने आया है। गौतमबुद्ध नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.सुनील शर्मा ने बताया कि संक्रमित पाया गया मरीज 54 वर्षीय पुरुष है जो नोएडा में रहता है, लेकिन गुरुग्राम स्थित एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करता है। मरीज ने इस महीने की शुरुआत में नेपाल की यात्रा की थी और वह वहां से लौटने के बाद गुरुग्राम स्थित अपने कार्यालय भी गया था।

कोरोना के नए वेरिएंट पर क्या बोला WHO?

गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस के ‘JN.1’ वेरिएंट के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ करार दिया है। WHO ने साथ ही कहा कि इससे वैश्विक जनस्वास्थ्य के लिए ज्यादा खतरा नहीं है। विश्व स्वास्थ्य निकाय ने मंगलवार को कहा था कि 2020 के अंत में वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा करने वाले वेरिएंट के सामने आने से बाद से WHO ने हल्के स्वरूप को ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ और गंभीर स्वरूप को ‘वैरिएंट ऑफ कंसर्न’ के रूप में वर्गीकृत करना शुरू किया है।

हाल में ‘JN.1’ स्वरूप के मामले कई देशों में सामने आए हैं और दुनिया में इस स्वरूप के मामले बढ़ रहे हैं। भारत में भी इस स्वरूप का मामला सामने आया है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, यह अब ‘ग्लोबल इनिशिएटिव ऑन शेयरिंग ऑल इन्फ्लुएंजा डेटा’ (GISAID) से जुड़े बीए.2.86 वंशानुक्रम (लीनिएज) से संबंधित है।

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