पाकिस्तान में राष्ट्रपति पद के लिए ताजपोशी की तारीख तय, जानें किस दिन हो सकती है शपथ?
पाकिस्तान में हाल ही में संपन्न चुनाव के बाद भी अभी तक प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति पद के लिए ताजपोशी नहीं हो पाई है। गठबंधन में जोड़तोड़ का दौर चल रहा है। नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल एन और बिलावल की पार्टी पीपीपी ने गठबंधन से सरकार चलाने की हामी भरी है। हालांकि किस दिन राष्ट्रपति पद के लिए ताजपोशी होगी, इसकी तारीख तय नहीं हो पा रही थी। इसी बीच ताजा खबर के अनुसार पाकिस्तान में नौ मार्च तक राष्ट्रपति चुनाव कराने की तैयारी की जा रही है।
पाकिस्तान में आम चुनाव के बाद लगे धांधली के आरोपों के बीच अब नौ मार्च तक नए राष्ट्रपति का चुनाव होने की उम्मीद की जा रही है। ‘डॉन’ समाचार पत्र ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) संसद के उच्च सदन सीनेट के आधे सांसदों का छह साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद उनकी सेवानिवृत्ति से दो दिन पहले नौ मार्च तक देश के राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव कराने के लिए तैयार है।
आसिफ अली जरदारी दूसरी बार लेंगे राष्ट्रपति पद की शपथ
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, ”सभी चार प्रांतीय विधानसभाओं के गठन के बाद वर्तमान सीनेटर राष्ट्रपति का चुनाव करेंगे।” उन्होंने कहा कि चुनाव नौ या 10 मार्च को हो सकता है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) शहबाज शरीफ के नेतृत्व में केंद्र में गठबंधन सरकार बनाने के लिए तैयार छह-दलीय गठबंधन ने पहले ही देश के शीर्ष संवैधानिक पद के लिए आसिफ अली जरदारी को अपना सर्वसम्मत उम्मीदवार घोषित कर दिया है। जरदारी इससे पहले सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ के इस्तीफे के बाद सितंबर 2008 से 2013 तक राष्ट्रपति रहे थे।
चुनाव धांधली का आरोप लगाने वाला अधिकारी बयान से पलटा
उधर, पाकिस्तान में चुनाव धांधली का आरोप लगाने वाले अधिकारी ने यू टर्न ले लिया। बता दें कि जिस अधिकारी ने खुद पाकिस्तान में हुई चुनावी धांधली का आरोप लगाया था, उसी ने यू टर्न ले लिया है। यही नहीं, जिस अधिकारी ने पहले चुनाव में धांधली का आरोप सेना और सरकार पर लगाया था, अब उसी अधिकारी ने इमरान खान की पार्टी पीटीआई पर निशाना साधा है। जानकारी के अनुसार पिछले हफ्ते, रावलपिंडी के पूर्व आयुक्त लियाकत अली चट्ठा ने दावा किया था कि इस्तीफा देने से पहले रावलपिंडी के 13 उम्मीदवारों को जबरदस्ती विजेता घोषित किया गया था। अब उसी अधिकारी का कहना है कि उसने उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐसा दावा पीटीआई के एक वरिष्ठ नेता के दबाव में दिया था।
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