बिहार में आए दिन घूसखोर निगरानी के हत्थे चढ़ते हैं लेकिन इसके बावजूद रिश्वत लेने का खेल बेरोकटोक जारी रहता है। लोग अक्सर यह कहते दिखते हैं कि सरकारी दफ्तरों में कोई काम करना हो तो चप्पल घीस जाएगा लेकिन बिना पैसा दिये काम नहीं होगा। इसमें कितनी सच्चाई है यह तो जांच का विषय है लेकिन इसकी एक बानगी जमुई जिले के खैरा प्रखंड में देखने को मिली।
ताजा मामला खैरा प्रखंड का है जहां अंचल कार्यालय में कार्यरत हल्का कर्मचारी आशीष कुमार को निगरानी विभाग के अधिकारियों ने 60 हजार घूस लेते रंगेहाथ पकड़ लिया। मिली सूचना के अनुसार खैरा गढ़ के समीप राजा पोखर के पास कचहरी से इस घूसखोर सरकारी कर्मी को निगरानी ने पकड़ा है।
बताया जा रहा है कि शृंगारपुर के युवक की शिकायत के बाद निगरानी ने यह कार्रवाई की। 20 फरवरी गुरुवार की सुबह करीब 11 बजे एक युवक से जमीन संबंधी मामले को लेकर हल्का कर्मचारी ने पैसे मांगे थे। जिसकी शिकायत पीड़ित ने निगरानी विभाग से की थी। जिसके बाद निगरानी की टीम ने भ्रष्ट हल्का कर्मचारी आशीष कुमार को पैसे लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
फिलहाल निगरानी विभाग की टीम ने उक्त कर्मचारी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। आपको मालूम हो कि जमीन सम्बन्धित मामले में पूरे जिले में भ्रष्टाचार व्याप्त है आए दिन इसकी शिकायत की जाती है। लेकिन कारवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती है। जिसके ही कारण इन भ्रष्ट सरकारी कर्मियों का मनोबल अपने चरम पर है। जिसके निशाने पर सिर्फ भोली भाली जनता होती है। जिन्हें छोटे से छोटे काम के लिए भी अपनी जेब ढीली करनी पड़ती हैं। अब देखना लाजिमी होगा कि इस तरह की घटनाओं पर जिला प्रशासन लगाम लगा पाती है या फिर से ढाक के वही तीन पात वाली कहावत चरितार्थ होगी।
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