नीतीश राज का भवन निर्माण विभाग फिर चर्चा में है. चर्चा अच्छे कामों के लिए नहीं हो रही है, बल्कि विभाग के मुख्य अभियंता के भ्रष्टाचार को लेकर है, क्यों कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) आज विभाग के मुख्य अभियंता तारणी दास के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. चर्चा….रिटायरमेंट के बाद ऐसे इंजीनियर को आनन-फानन में फिर से उसी पद पर नियोजन को लेकर है. वर्तमान में भवन निर्माण विभाग के मंत्री जयंतराज हैं. 2020-22 की एनडीए सरकार में ये ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री थे. तब एक अधीक्षण अभियंता को लेकर ग्रामीण कार्य विभाग काफी चर्चा में आया था. मोटी रकम के साथ पकड़े गए अधीक्षण अभियंता ने पुलिस के समक्ष कहा था, ” मुंह खोला तो पटना में विस्फोट हो जाएगा.” भ्रष्टाचार के आरोपी इंजीनियर को तीन महीने बाद भी सस्पेंड नहीं करने पर मंत्री जयंत राज की काफी फजीहत हुई थी. तब का गया था कि आरोपी इंजीनियर को मंत्री ही बचा रहे हैं.
कैश से भरा था अधीक्षण अभियंता की गाड़ी
बात 28 अगस्त 2021 की है. ग्रामीण कार्य विभाग दरभंगा अंचल के प्रभारी अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार की गाड़ी मुजफ्फरपुर के फकुली ओपी क्षेत्र में पकड़ी गई थी. मुजफ्फरपुर पुलिस ने जब गाड़ी रोकी तो अधीक्षण अभियंता उसी गाड़ी में सवार थे. पकड़े जाने के बाद धनकुबेर इंजीनियर ने पुलिस को धौंस दिखाया था. इसके बाद गाड़ी चेकिंग की गई तो 18 लाख रू कैश मिला, जब पटना स्थित उनके आवास की तलाशी ली गई तो 49 लाख नकद मिले थे. इस तरह से कुल 67 लाख बरामद किए गए थे. इसके बाद मामला काफी तूल पकड़ा था. पैसे से भरे बैग मिलने पर पुलिस ने जब सख्ती बरती तो इंजीनियर अनिल कुमार ने कहा था, ”मुंह खोला तो बिहार में विस्फोट हो जायेगा.” इसके बाद भी पुलिस ने पीआर बांड पर उन्हें छोड़ दिया था. लेकिन मामला तूल पकड़ा तो जांच में तेजी आई. इसके बाद पुलिस ने फरवरी 2022 में गिरफ्तार कर लिया था. उन्हें पूछताछ के लिए पहले फकुली ओपी पर बुलाया गया था। बाद में शहर में लाकर उनसे पूछताछ की गई। इस दौरान संतोषजनक उत्तर नहीं देने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था.
ग्रामीण कार्य विभाग ने जांच का बहाना बना आरोपी की फाईल दबा दिया था…
बता दें, 28 अगस्त 2021 को भारी मात्रा में कैश मिलने के बाद अगले तीन महीने तक ग्रामीण कार्य विभाग ने आरोपी इंजीनियर अनिल कुमार को सस्पेंड नहीं किया था. इसके बाद मामला विधानसभा में उठा . भाजपा विधायक संजय सरावगी ने सदन में सवाल उठाते आरोप लगाया था कि सरकार भ्रष्ट अधिकारी को बचा रही है. तब के मंत्री जयंत राज को जवाब देते नहीं बन रहा था. सरकार की काफी फजीहत हुई थी. मंत्री जयंतराज पूरे तौर पर घिर गए थे. इसके बाद स्पीकर ने सदन की कमेटी से जांच के आदेश दिए थे. विधानसभा में मामला उठने और फजीहत होने के बाद भ्रष्टाचार के आरोपी अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार को सस्पेंड किया गया था. इसी बीच मुजफ्फरपुर पुलिस ने जांच तेज की और फऱवरी 2022 में भारी मात्रा कैश जब्त केस में आरोपी इंजीनियर को गिरफ्तार कर लिया था.