सवर्ण समाज के गरीब बच्चों को 10% आरक्षण अर्थात ईडब्ल्यूएस को लेकर एक बड़ा फैसला दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा सुनाया गया है. मामले की सुनवाई करते हुए आदेश दिया गया है कि वर्तमान समय में ईडब्ल्यूएस का लाभ लेने के लिए अधिकतम आमदनी 10 लख रुपए को घटकर ₹500000 कर दिया जाए. आसान भाषा में कहा जाए तो जिन परिवार की आमदनी 5 लख रुपए से ऊपर है अब उनके बच्चे ईडब्ल्यूएस कोटे का लाभ नहीं ले सकेंगे.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) कोटा के तहत राष्ट्रीय राजधानी के स्कूलों में प्रवेश के लिए मौजूदा आय सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये सालाना करने का आदेश दिया है। सरकार को इसमें संशोधन करने को कहा गया है।
उच्च न्यायालय ने कानून की व्याख्या करते हुए कहा कि आय मानदंड योजना के इच्छित लाभार्थियों के जीवन स्तर से मेल खाना चाहिए। उच्च न्यायालय का फैसला एक व्यक्ति द्वारा जन्म एवं आय प्रमाणपत्रों में हेराफेरी करके अपने बेटे का दाखिला ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत प्रतिष्ठित संस्कृति स्कूल में कराने के मामले में आया।
पीठ ने छात्र द्वारा स्कूल से उसका प्रवेश रद्द करने को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। हालांकि पीठ ने बच्चे को सामान्य श्रेणी के छात्र के रूप में वहां पढ़ाई जारी रखने की अनुमति दी है। पीठ ने कहा कि छात्र जो वर्ष 2013 से अपनी पढ़ाई जारी रख रहा है उसकी कोई गलती नहीं है। पीठ ने छात्र के पिता पर अवैध तरीकों से बेटे का दाखिला कराने के लिए दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।