यूपी के पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री राकेश धर त्रिपाठी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में कोर्ट का फैसला आ गया है। मामला प्रयागराज की एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट में चल रहा था। वहीं फैसला सुनाते हुए एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने पूर्व मंत्री के लिए सजा का ऐलान किया है। अदालत ने पूर्व कैबिनेट मंत्री राकेश धर त्रिपाठी को 3 साल की कैद और 10 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। इसके साथ ही एमपी एमएलए कोर्ट ने राकेश धर त्रिपाठी को कस्टडी में लेकर जेल भेजने का आदेश दिया है।
साल 2012 में दर्ज हुआ मुकदमा
पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री राकेश धर त्रिपाठी को स्पेशल जज एमपी एमएलए कोर्ट डॉ दिनेश चंद्र शुक्ला ने सजा सुनाई है। इस मामले में कोर्ट ने अभियोजन और बचाव पक्ष की बहस पूरी होने के बाद तीन दिन पहले ही अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया था। पूर्व मंत्री राकेश धर त्रिपाठी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत आरोप तय किया गया था। वहीं विजिलेंस के इंस्पेक्टर रामसुख राम ने पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री राकेश धर त्रिपाठी के खिलाफ प्रयागराज के मुठ्ठीगंज थाने में 23 नवंबर 2012 को केस दर्ज कराया था।
सजा के बाद मिली जमानत
हालांकि सजा का ऐलान होने के बाद पूर्व मंत्री राकेश धर त्रिपाठी की तरफ से कोर्ट में जमानत की अर्जी दाखिल की गई। इस मामले में एमपी एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई। वहीं सुनवाई के बाद एमपी एमएलए कोर्ट से पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी को जमानत मिल गई। पूरा मामला आय से अधिक संपत्ति मामले से जुड़ा हुआ है। वहीं अब कोर्ट ने तीन साल की सजा का फैसला सुनाए जाने के बाद पूर्व मंत्री को जमानत दे दी है। कोर्ट में पूर्व मंत्री राकेश धर त्रिपाठी की अधिक उम्र और खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया गया था। वहीं अब कोर्ट ने मामले में पूर्व मंत्री को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है।