‘बालिका वधू’ फेम प्रत्युषा बनर्जी के सुसाइड केस पर कोर्ट की बड़ी टिप्पणी, जानें क्या कहा

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टीवी शो’बालिका वधू’में आनंदी के किरदार से फेमस हुईं प्रत्युषा बनर्जी के सुसाइड केस को लेकर मुंबई की एक कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है। दरअसल कोर्ट ने प्रत्युषा को सुसाइड के लिए उकसाने के आरोपी राहुल सिंह की आरोप से मुक्त करने की अर्जी खारिज कर दी और कहा कि राहुल सिंह के उत्पीड़न ने ही उसे (प्रत्युषा) सुसाइड के बारे में सोचने पर मजबूर किया था।

कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट होता है कि सिंह के शारीरिक, भावनात्मक और वित्तीय उत्पीड़न और शोषण की वजह से प्रत्युषा बनर्जी डिप्रेशन की स्थिति में पहुंच गई थीं। कोर्ट ने कहा कि तथ्य इस बात की ओर इशारा करते हैं कि सिंह ने उसकी तकलीफों को कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया बल्कि उसकी हरकतों ने स्पष्ट रूप से बनर्जी को सुसाइड के लिए उकसाने का काम किया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर अंसारी (डिंडोशी अदालत) ने 14 अगस्त को सिंह की आरोप से मुक्त करने की अर्जी खारिज करते हुए ये टिप्पणियां कीं।

प्रत्युषा ने कब की सुसाइड?

24 साल की प्रत्युषा बनर्जी ने एक अप्रैल 2016 को गोरेगांव इलाके में अपने फ्लैट में फंदे से लटककर सुसाइड कर ली थी। बनर्जी की मां की शिकायत के आधार पर अभिनेता और कार्यक्रम आयोजक राहुल सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने), 504 (जानबूझकर अपमान करने), 506 (आपराधिक धमकी) और 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

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