बांग्लादेश (Bangldesh) की अंतरिम सरकार ने भारत, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, पुर्तगाल और संयुक्त राष्ट्र से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया है। इस कदम से यह स्पष्ट हो गया है कि शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद बांग्लादेश की विदेश नीति में महत्वपूर्ण बदलाव हो रहे हैं।बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब देश के कई महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ उसके संबंध कमजोर हो रहे हैं। जिन राजदूतों को वापस बुलाया गया है, उनमें भारत (India) में बांग्लादेश के उच्चायुक्त मुस्तफिजुर रहमान भी शामिल हैं, जो 2022 में इस पद पर नियुक्त हुए थे।
इसके अलावा, न्यूयॉर्क(New York) में संयुक्त राष्ट्र के स्थायी प्रतिनिधि और ऑस्ट्रेलिया (Australia), बेल्जियम (Belgium), पुर्तगाल(Portugal) में नियुक्त बांग्लादेशी राजदूत भी वापस बुलाए गए हैं। प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद से भारत और बांग्लादेश के संबंधों में तनाव बढ़ता दिख रहा है। नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस की कार्यवाहक सरकार के सत्ता में आने के बाद यह संबंध और खराब हो गए हैं। अगस्त में बांग्लादेश में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद शेख हसीना की सरकार गिर गई थी, और उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था। भारत के लिए यह स्थिति असहज रही, खासकर जब यूनुस सरकार ने शेख हसीना के प्रत्यर्पण का मुद्दा उठाया।
ढाका में नई कार्यवाहक सरकार ने पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुहम्मद यूनुस के बीच बैठक कराने की कोशिश की थी, लेकिन यूनुस द्वारा भारत की आलोचना और हसीना के प्रत्यर्पण के मुद्दे ने भारत को नाखुश कर दिया, जिससे यह बैठक नहीं हो सकी। यह कूटनीतिक घटनाक्रम भारत-बांग्लादेश संबंधों में और तनाव को दर्शाता है, और आने वाले समय में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर इसका असर देखने को मिल सकता है।