हर परीक्षा में टॉप करने के बाद UPSC टॉपर बन रचा इतिहास, 1रैंक लाकर IAS बने आदित्य श्रीवास्तव

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मेरा नाम आदित्य श्रीवास्तव है और 2024 को जारी हुए UPSC के रिजल्ट में मेरी ऑल इंडिया रैंक 1 आई है। मैं लखनऊ का रहने वाला हूं और यह मेरा तीसरा अटेंप्ट था। सिविल सर्विस के पहले अटेंप्ट में मेरा सिलेक्शन नहीं हो सका था। दूसरे अटेंप्ट में मेरा सिलेक्शन हो गया था और मुझे इंडियन पुलिस सर्विस अलॉट हुई थी। हालांकि, हमेशा से ही मुझे IAS ऑफिसर बनने की इच्छा थी। इसलिए अंडर ट्रेनिंग होने के बावजूद एक अटेंप्ट और दिया और इस बार IAS के लिए चुन लिया गया हूं।

IIT कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में B.Tech-M.Tech का डुअल डिग्री कोर्स करने के बाद मेरा प्लेसमैंट अच्छी कंपनी में हुआ था। कुछ कॉर्पोरेट में नौकरी की भी। लेकिन मेरा मन नहीं लगा। डेस्क जॉब में कोई डायवर्सिटी थी ही नहीं। इसलिए एक दिन नौकरी छोड़ UPSC की तैयारी करने का मन बना लिया। घर पर पेरेंट्स को बताया तो उन्होंने भी सपोर्ट किया तो नौकरी छोड़ दी।

कॉर्पोरेट जॉब का भी एक अलग चार्म हैं, लेकिन जो चीजें मुझे चाहिए थी वो डेस्क जॉब से मिलना मुश्किल लग रहा था। आपको सोसाइटी के लिए काम करना है या ह्यूमन इंटरैक्शन वाला काम करना है तो वो आप कर सकते हैं वीकेंड पर, लेकिन कॉर्पोरेट में रहते हुए ये फुल टाइम पॉसिबल नहीं था। इसलिए, मैंने जॉब छोड़कर UPSC की तैयारी फुल टाइम करने का फैसला किया।

IPS के लिए सिलेक्शन, फिर भी दिया एग्जाम

मुझे कॉर्पोरेट में काम करने के बाद इस तरह की नौकरी चाहिए थी जिसमें पीपल इंटरफेस हो और ग्रासरूट कनेक्ट हो। डायवर्सिटी इस तरह की हो कि पर्सनैलिटी डेवलपमेंट भी होता रहे। इन सभी पैरामीटर्स के लिए IPS भी एक प्रेस्टीजियस सर्विस है, लेकिन मुझे IAS बेहतर लगा। इन सभी फैक्टर्स को कंसीडर करते हुए मैंने IPS में सिलेक्शन के बावजूद तीसरी बार फॉर्म भरा था।

ट्रेनिंग के साथ तैयारी करना चैलेंजिंग था

जब तक ट्रेनिंग शुरू हुई, प्रीलिम्स और मेन्स हो चुका था। नवंबर में जब ट्रेनिंग शुरू हुई तब तक सिर्फ इंटरव्यू बचा था। लेकिन तैयारी तो इंटरव्यू की भी करनी ही थी, जिसमें मुझे काफी दिक्कत हुई। क्योंकि 2-3 घंटे ही मिलते थे तैयारी के लिए, इसलिए टार्गेटेड स्टडी करनी पड़ी थी।

बाकी, IPS की ट्रेनिंग के साथ प्रीलिम्स और मेन की तैयारी पॉसिबल नहीं है, क्योंकि ट्रेनिंग जॉइन करते ही आपको क्लॉज साइन करना होता है कि जब तक आप ट्रेनिंग कर रहे हैं, आप एग्जाम नहीं लिख सकते। लेकिन क्योंकि मेरा प्रीलिम्स और मेन्स पहले ही हो चुका था और इंटरव्यू UPSC की ओर से एक समन की तरह होता है, तो वहां जाना अलाउड होता है। उसके लिए छुट्टी भी मिल जाती है।

प्रीलिम्स की तैयारी मैं फरवरी से शुरू करता था, उसके पहले मेन्स के लिए पढ़ता था क्योंकि ज्यादातर कोर्स लगभग सेम ही होता है। मुझे लगता है कि इंटीग्रेटेड अप्रोच के साथ चलें तो दोनों की तैयारी साथ में कर सकते हैं।

प्रीलिम्स में फैक्ट्स पर फोकस करना होता है। एक्जैक्ट वर्ड्स, एक्जैक्ट नेम्स आपको पता होने चाहिए क्योंकि ऑप्शन्स उसी तरह से होते हैं। दूसरी ओर मेन्स में ब्रॉड अंडरस्टैंडिंग जरूरी है, क्योंकि वहां पर आपको दो पन्ने या कई पन्ने भरने होते हैं। मेन्स में भी आपको एक्जैक्ट फैक्ट्स डालने होते हैं, लेकिन एक ब्रॉड अंडरस्टैंडिंग भी जरूरी है। इसलिए पढ़ने का तरीका थोड़ा बदल जाता है।

इंट्रेस्ट और स्कोरिंग एबिलिटी के आधार पर चुनें ऑप्शनल

UPSC में मेनली चार सब्जेक्ट अपने थ्योरिटिकल हैं, जिनमें आपको याद करना है फैक्ट्स और डाटा। इसलिए मैंने सोचा ऑप्शनल भी थ्योरिटिकल नहीं लेना चाहिए। साथ ही पर भी ध्यान देना चाहिए। ध्यान से देखें कि किस सब्जेक्ट्स में आप ऐसा परफॉर्म कर पा रहे हैं कि उसमें आपको बेहतर स्कोर मिल रहा है। आपको ऑप्शनल चुनने से पहले इंट्रेस्ट प्लस स्कोरिंग एबिलिटी कंसीडर करनी चाहिए।

Sumit ZaaDav

Hi, myself Sumit ZaaDav from vob. I love updating Web news, creating news reels and video. I have four years experience of digital media.

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