रेरा कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने वाले पांच बिल्डरों पर आपराधिक मुकदमा चलेगा. पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की अदालत ने इन बिल्डरों के खिलाफ रेरा बिहार द्वारा रेरा अधिनियम की धारा 59 (1) के तहत पारित आदेश का पालन नहीं करने के लिए दायर मामलों का संज्ञान लिया है. इन बिल्डरों ने रेरा अधिनियम की धारा 3 के अनुसार अपनी परियोजनाओं का निबंधन नहीं कराया था, जिसके कारण उन बिल्केडरों के खिलाफ रेरा ने आदेश पारित किया था.
पांच साल की हो सकती है जेल
सीजेएम की अदालत में जिन बिल्डरों पर मुकदमा चलेगा, वे हैं – ग्रीन सिटी रियल एस्टेट, अग्रणी होम्स प्राइवेट लिमिटेड, अग्रणी होम रियल मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड, श्री राम कंस्ट्रक्शन एवं रमन एंड कुमार कंस्ट्रक्शन. साथ ही इन कंपनियों के निदेशक के खिलाफ भी क्रिमिनल केस चलेगा. इन बिल्डरों पर अब भारतीय न्याय संहिता की धारा 316 (2)/3 (5) और रेरा अधिनियम की धारा 59 (2) के तहत मुकदमा चलेगा। बीएनएसएस की धारा 316 (2) के तहत दोषी पाए जाने पर पांच साल तक की जेल हो सकती है।
दोषी पाये जाने पर पासपोर्ट भी जब्त हो सकता है….
रेरा बिहार की तरफ से बताया गया है कि इन बिल्डरों ने RERA अधिनियम की धारा 3 का उल्लंघन किया था. साथ ही अपने प्रोजेक्ट को RERA बिहार में निबंधित कराए बिना अपार्टमेंट/प्लॉट का विज्ञापन/बुकिंग किया था। उनके खिलाफ स्वप्रेरणा (suo motu) से कार्यवाही शुरू की गई थी और RERA कोर्ट द्वारा जुर्माना लगाया गया था। प्रमोटरों ने जुर्माने की राशि का भुगतान नहीं किया और अधिनियम की धारा 3 का उल्लंघन जारी रखा। इसके बाद, RERA बिहार ने CJM की अदालत में BNSS और RERA अधिनियम की संबंधित धारा के तहत उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई का आग्रह किया। अगर CJM की अदालत द्वारा इन बिल्डरों को दोषी ठहराए जाता है तो अन्य प्रतिबंधों की अतिरिक्त , दोषी प्रमोटरों का पासपोर्ट जब्त किया जा सकता है एवं उनके चुनाव लड़ने पर भी रोक लग सकती है.