बगहा में मगरमच्छ ने एक मछुआरे पर हमला कर दिया. जिसके बाद घायल शख्स ने बहादुरी से अपनी जान बचाई. यह मामला वाल्मीकीनगर थाना अंतर्गत कनघुसरी गांव का है. जहां मछली पकड़ने गये मछुआरे पर हमला कर दिया. इसके बाद उसने ने मगरमच्छ की आंखों में अपनी उंगलियां डालकर किसी तरह अपनी जान बचाई. इस दौरान उसका एक हाथ बुरी तरह जख्मी हो गया।
बहादुरी से बचाई अपनी जान: दरअसल पूरा मामला वाल्मीकिनगर के सन्तपुर सोहरिया पंचायत के कनघुसरी गांव का है. बताया जाता है कि कि 45 वर्षीय व्यास गोंड साइफन में मछली पकड़ने के लिए रात में जाल लगाया था. सुबह मछली पकड़ने गया तब घात लगाए मगरमच्छ ने अचानक हमला बोल दिया।
मगरमच्छ की आंख में उंगलियां डालकर कर छुड़ाया: बताया जाता है कि घायल व्यक्ति के शरीर पर जख्म के निशान मिले हैं जो मगरमच्छ के दांतों के थे. मगरमच्छ घायल व्यक्ति को पानी में घसीट कर ले जाना चाहता था. तभी उस व्यक्ति ने अपने बचाव में अपनी उंगलियां मगरमच्छ के आंखों में डाल दी. तब जाकर जान बच पाई।
“व्यास गोंड गत रात में अपने खेत के समीप बुनियादी साइफन में मछली मारने के लिए जाल लगाया था. जिसमें मछलियां फंसी हुई थी. लिहाजा सुबह-सुबह व्यास गोंड मछली निकालने गया था. इसी दौरान नहर से खेत मे पहुंचे मगरमच्छ ने हमला कर दिया.” -चन्द्रभान शर्मा, ग्रामीण कनघुसरी गांव
मगरमच्छ के चबाने से टूट गई हड्डी: मगरमच्छ के हमले से जख्मी व्यक्ति मगरमच्छ की आंखों में अपनी उंगलियां डालकर खुद को छुड़ाने में कामयाब रहा. इस घटना में व्यक्ति का एक हाथ बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है और हड्डी टूट गई है. उप स्वास्थ्य केंद्र वाल्मीकीनगर में प्राथमिक उपचार के बाद पीड़ित को रेफर कर दिया गया है. जहां अब उसकी हालत गंभीर लेकिन स्थिर है।
शिकार की तलाश में पहुंचते हैं मगरमच्छ: बता दें की वाल्मीकिनगर से होकर बहने वाली गंडक नारायणी नदी से कई नहर निकले हुए हैं. इन नहरों में अक्सर बड़े तादाद में मगरमच्छ पाए जाते हैं और यहां से निकलकर मगरमच्छ खेत, पइन और तालाब में पहुंच जाते हैं. साथ ही रिहायशी इलाकों में भी शिकार की तलाश में यह अपना ठिकाना बना लेते हैं और इस तरफ जब लोग जाते हैं तो ये हमला कर देते हैं।