मुंगेर देश के 52 शक्तिपीठों में से एक मुंगेर का चंडिका स्थान जहां मां सती का बाय नेत्र गिरा था इस कारण यहां नेत्र की पूजा होती है ।जहां आज नवरात्रि के सातवें दिन देवी पार्वती की कालरात्रि स्वरूप की मंगल आरती की जा रही है ।
कहते हैं कि इस रूप में मां ने शुंभ और निशुंभ राक्षसों का वध किया था. मां कालरात्रि को महायोगेश्वरी, महायोगिनी और शुभंकरी भी कहा जाता है । चंडिका स्थान में आज सातवी पूजा को जल चढ़ाने के लिए हजारों की संख्या में भक्त सुबह से दो बजे से ही गंगा स्नान कर हाथों में गंगा जल लिय मां को जल अर्पण करने पहुंचते है । आरती के बाद मंदिर का गेट खुलते ही भक्तों को भारी संख्या मंदिर में प्रवेश कर लाइन लग मां को जल अर्पित कर रहे है ।