आज सावन की पहली सोमवारी है. इस मौके पर पटना के धनरूआ स्थित गौरी शंकर मंदिर में सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आ रही है. धनरूआ के इस वीर ओरियारा गौरी शंकर मंदिर को बुढ़वा महादेव स्थान भी कहा जाता है।
हजारों साल पुराना है बुढ़वा महादेव स्थान: इस मंदिर का इतिहास 2000 साल पुराना है. 6 फीट का शिवलिंग श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है. पुजारी बताते हैं कि 6 फीट के शिवलिंग में माता पार्वती और भगवान शिव की आकृति बनी हुई है. खुदाई के दौरान खेत में यह शिवलिंग प्राप्त हुआ था, जिसे बाद में इस मंदिर में स्थापित कर दिया गया।
“यहां हर साल सावन मे जलाभिषेक करने आते हैं. यहां मान्यता है कि हर मनोकामना पूरी होती है.”- सुनीता कुमारी, श्रद्धालु
सावन में उमड़ी भक्तों की भीड़: सावन माह के पहले सोमवार को शहर से लेकर गांव तक के मंदिरों में लोग जलाभिषेक कर रहे हैं. धनरूआ के बुढ़वा महादेव स्थान , रामनाथेश्वर स्थित शिवमंदिर से लेकर श्रीरामजानकी ठाकुरवाड़ी मंदिर समेत सभी शिवालयों में भक्तों का तांता लगा है. लोग लाइन में लग कर बारी बारी से जल चढ़ा रहे हैं।
6 फीट का शिवलिंग: सुबह होते ही मंदिरों की घंटी बजनी शुरू हो गई. मंदिरों में महिलाओं की भी काफी भीड़ देखी जा रही है. वैसे तो पूरे सावन मास में भोले बाबा की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है, पर सावन की पहली सोमवारी भक्तों के लिए खास होती है. भक्ति रस में डूबे श्रद्धालु छह फीट के बाबा भोलेनाथ के दर्शन और जलाभिषेक के लिए व्याकुल हो उठते हैं।
खुदाई के दौरान मिला था शिवलिंग: शहर से लेकर गांव तक ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है. भोलेनाथ के सभी मंदिरों में हर-हर महादेव व बम बम भोले के नारे गूंज रहे हैं. शिवालयों में रात्रि दो बजे से ही लोग आकर खड़े हो गए. भक्तों में पहले जल चढ़ाने की होड़ सी लगी थी. वहीं कुछ शिव मंदिरो में महिलाएं जगह-जगह पर समूह बनाकर भगवान भोले की आराधना कर रही हैं।
“पटना जिले का यह पहला शिवमंदिर है जिसका इतिहास दो हजार साल का है. यहां छह फीट की भगवान शिव की शिवलिंग है जिसमें भगवान शिव और माता गौरी की आकृति बनी है. यह शिवलिंग खेत मे जुताई के दौरान मिली थी. श्रद्धालु दूर-दूर से जलाभिषेक करने आते हैं.”- मिमलेश मिश्रा, पुजारी, बुढ़वा महादेव स्थान