भरे कोर्ट में हो रहा था साइबर फ्रॉड, जज की अक्लमंदी से बच गये पैसे
बिहार में साइबर फ्रॉड्स का मनोबल कितना बढ़ गया है, इसका उदाहरण देखिये. भरे कोर्ट रूप में पैसे ऐंठने की कोशिश की गयी. साइबर फ्रॉड के प्लान के मुताबिक उसे पैसे मिलने ही वाले थे, लेकिन जज साहब के हस्तक्षेप से प्लानिंग फेल हो गयी.
मामला भागलपुर का है. भागलपुर कोर्ट परिसर में एडीजे-16 विश्व विभूति गुप्ता की अदालत में एक बड़े मामले की सुनवाई हो रही थी. इसी दौरान साइबर फ्रॉड ने अपना खेल कर दिया. दरअसल, भागलपुर के विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र में 12 फरवरी 2024 को लब्बू पासी लेन परबत्ती में हथियारों का जखीरा बरामद हुआ था. इस मामले में आरोपी मुहम्मद सलाउद्दीन बांका जेल में बंद है. मुहम्मद सलाउद्दीन के नाम पर साइबर फ्रॉड की कोशिश की गयी, हालांकि प्लानिंग फेल हो गयी.
सरकारी वकील के मोबाइल पर आया कॉल
दरअसल , एडीजे-16 विश्व विभूति गुप्ता की अदालत में इस केस में दारोगा नईम अहमद की गवाही हो रही थी. गवाही के दौरान ही अपर लोक अभियोजक प्रफुल्ल चंद्र राही के मोबाइल पर एक कॉल आया. कॉल करने वाले ने कहा कि आपके केस का एक आरोपी मुहम्मद सलाउद्दीन बांका जेल में बंद है. उसे अचानक ब्रेन हेमरेज हो गया है.
साइबर फ्रॉड ने कहा कि कोर्ट में मुहम्मद सलाउद्दीन का कोई रिश्तेदार जरूर मौजूद होगा, आप इससे हमारी बात करा दें. कोर्ट में चल रही गवाही के दौरान सलाउद्दीन का बेटा मुहम्मद तनवीर उर्फ राजा मौजूद था. मुहम्मद तनवीर भी इस केस का अभियुक्त है, लेकिन बेल पर रिहा हो चुका है. आरोपी होने के कारण वह भी गवाही के दौरान न्यायालय में उपस्थित था.
जज साहब ने दिया होशियारी
इस पूरे प्रकरण को देख रहे जज ने बेटे से पूरी बात पूछी. बेटे ने कहा कि पिता को ब्रेन हेमरेज हो गया है, इलाजा के लिए तुरंत 80 हजार रुपये मांगा गया है, गुगल पे पर. इतना सुनते ही न्यायाधीश ने उसे रोका और कहा कि ये साइबर फ्रॉड हो सकता है. उधर बाप की बीमारी की बात सुनकर घबराया बेटा तुरंत पेमेंट करने को उतारू हो रहा था. लेकिन, जज ने उसे रोका फिर बांका जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जेल में बंद सलाउद्दीन को उपस्थित कराने का आदेश दिया. कुछ मिनटों में सलाउद्दीन वीडियो कांफ्रेंसिंग में हाजिर हो गया. फिर जज के साथ साथ वकील और सलाउद्दीन का बेटा भी सन्न रह गए. सलाउद्दीन भला-चंगा था.
कोर्ट से फ्रॉड करने की दुस्साहस
जज ने इस मामले पर हैरानी दिखायी. ये एक ऐसे साइबर फ्रॉड का कारनामा था जो उस केस और आरोपितों के बारे में भली-भांति जान रहा था. कोर्ट में हो रही कार्रवाई की जानकारी भी उसे थी. ऐसे में जज ने तुरंत सरकारी वकील से घटनाक्रम को लेकर आवेदन देने को कहा. कोर्ट ने इस मामले की जांच कर अपराधियों को पकड़ने के लिए एसएसपी, भागलपुर को केस दर्ज कर कार्रवाई करने ने का आदेश दिया है.
कोर्ट औऱ जेल से फ्रॉड
दरअसल पूरे मामले को देखें तो बांका जेल में बंद सलाउद्दीन को ब्रेन हेमरेज होना बता 80 हजार रुपये की डिमांड करने वाला काल हर बात को जान रहा था. उसे पता था कि पैसे से मजबूत सलाउद्दीन के परिजनों से तुरंत पैसे मिल सकता है. जब भागलपुर कोर्ट में उस केस की सुनवाई हो रही थी, तब सरकारी वकील को काल किया गया. यानि फ्रॉड को ये भी मालूम था कि कोर्ट में कौन सरकारी वकील मौजूद है सलाउद्दीन का बेटा भी वहीं है.
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.