भारत में साइबर क्राइम में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2024 में मई तक प्रतिदिन औसतन 7,000 से अधिक शिकायतें दर्ज की जा रही हैं। यह जानकारी भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) के सीईओ राजेश कुमार ने बुधवार को दी। कुमार ने बताया कि भारत को निशाना बनाने वाले अधिकांश साइबर धोखेबाज दक्षिण पूर्व एशिया के प्रमुख स्थानों से काम कर रहे हैं।
इसमें कंबोडिया के पुर्साट, कोह कांग, सिहानोकविले, कंडल, बावेट और पोइपेट, जबकि थाईलैंड और म्यांमार में म्यावाडी और श्वे कोक्को शामिल हैं। इस साल साइबर धोखाधड़ी की ज्यादातर घटनाएं फर्जी ट्रेडिंग एप्स, लोन एप्स, गेमिंग एप्स, डेटिंग एप्स और एल्गोरिदम हेरफेर से जुड़ी हैं।
10 हजार एफआईआर दर्ज की गईं भारतीय साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (आई4सी) विंग को इस साल जनवरी से अप्रैल के बीच 1,203 करोड़ रुपये की डिजिटल धोखाधड़ी के संबंध में कुल 4,599 शिकायतें मिलीं। इसी तरह 14,204 करोड़ रुपये के व्यापारिक घोटाले की 20,043 शिकायतें आईं। इसके बाद निवेश से संबंधित 2,225.82 करोड़ रुपये के घोटाले की 62,687 शिकायतें आईं। डेटिंग एप्स घोटाले की 1725 शिकायतें आईं, जिसमें 132.31 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है।
इन सभी मामलों में विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने कुल 10,000 एफआईआर दर्ज की हैं। इन धोखेबाजों से निपटने के लिए आई4सी विंग ने विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों और उसकी टीम के प्रयासों की मदद से पिछले चार महीनों (जनवरी से अप्रैल) में लगभग 3.25 लाख बैंक खाते फ्रीज किए है। इसके अतिरिक्त 5.3 लाख सिम कार्ड ब्लॉक किए। व्हाट्सएप ग्रुप सहित 3,401 सोशल मीडिया अकाउंट भी फ्रीज किए गए हैं।