चक्रवाती तूफान मिचौंग की वजह से तमिलनाडु के कई शहरों में जिन्दगी अस्त-व्यस्त हो गई है। तूफान तो अब चला गया है लेकिन अपने निशान छोड़ गया है। इस तूफ़ान की वजह से लोगों के रोजमर्रा के काम प्रभावित हुए हैं। वहीं तूफ़ान ने 10 से ज्यादा लोगों की जान भी ले ली। प्रदेश की राजधानी चेन्नई के कई इलाके अभी भी जलमग्न हैं। पानी को निकालने के लिए युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है।
तूफ़ान की वजह से यातायात भी प्रभवित हुए है। इसमें सड़क, वायु और रेल तीनों शामिल हैं। कई जगहों पर सड़क बुरी तरह से टूटी हैं। सोमवार 4 दिसंबर को तो एयरपोर्ट के तमाम हिस्से पानि में डूब गए थे, जिसकी वजह से ज्यदातर उड़ानें रद्द करनी पड़ी थीं। सड़कों पर गाड़ियां बह रही थीं। इसके कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे थे। वहीं अब रेलवे ने गुरुवार 7 दिसंबर को भी कई ट्रेनें रद्द की हैं, इसके साथ ही कई रूट्स में बदलाव किया है। जानकारी के अनुसार, दक्षिण रेलवे ने 15 ट्रेनें आज एक लिए रद्द की हैं। इसमें वंदे भारत समेत कई ट्रेने शामिल हैं।
वहीं इससे पहले 4,5 और 6 दिसंबर को भी तूफ़ान की वजह से कई ट्रेने को उड़ानें रद्द की गई थीं। जिस वजह से यात्रियों को परेशानी का सामना कराना पड़ रहा है। वहीं तूफ़ान की वजह से प्रभावित इलाकों और लोगों को राहत देने के लिए राज्य सरकार ने कई जगहों पर राहत शिविर शुरू किए हैं। इसके साथ ही चेन्नई समेत कई शहरों में आज की छुट्टी का ऐलान भी किया गया है। जलभराव वाले इलाकों में भोजन के पैकेट, ब्रेड और दूध की सप्लाई की जा रही है।
राहत कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने बारिश से प्रभावित कई इलाकों का दौरा किया। शहर के एक राहत केंद्र में रह रहे लोगों को भोजन और जरूरी सामग्री बांटी। राज्य सरकार ने कहा कि राहत कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। आधी रात के दौरान भी कई प्रभावित इलाकों में लोगों को नावों से निकाला गया। ग्रेटर चेन्नई पुलिस ने बचाव और राहत कार्यों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं।