गुजरात में चक्रवात ‘असना’ का मंडरा रहा खतरा, सुबह से ही तटीय इलाके में तेज हवाएं और ऊंची लहरें

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लगातार बारिश की वजह से गुजरात में स्थिति खराब होती जा रही है। इस बीच गुजरात में चक्रवात का भी खतरा मंडराने लगा है। मौसम विभाग ने गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ में बनी उच्च दबाव की स्थिति को देखते हुए 12 घंटों के भीतर उत्तर-पूर्वी अरब सागर में चक्रवाती तूफान की आशंका व्यक्त की है। सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र के कई हिस्सों में आज भारी बारिश होने की संभावना है।

अरब सागर से आ रहा ‘असना’ नामक चक्रवात
दरअसल, मौसम विभाग के अनुसार अरब सागर में ‘असना’ नामक चक्रवात बनने जा रहा है, जो साल 1976 के बाद अपनी तरह का पहला चक्रवात होगा। मौसम विभाग के मुताबिक यह चक्रवात उत्तर-पूर्वी अरब सागर में उत्पन्न होगा। गहरा अवसाद गुजरात में पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की ओर प्रवेश कर चुका है और अब उसके चक्रवात में बदलने की उम्मीद है। इसके कच्छ तट से आगे बढ़ने के बाद उत्तर-पूर्वी अरब सागर में पाकिस्तान की ओर बढ़ने की भी संभावना है।

48 साल बाद एक दुर्लभ तूफान का खतरा
गुरुवार डिप्रेशन का केंद्र भुज से 60 किमी और नलिया से 250 किमी दूर कच्छ पर दर्ज किया गया था| इसके पश्चिम दक्षिण-पश्चिम (दक्षिण-पश्चिम) दिशा की ओर बढ़ने और फिर कच्छ तट की ओर बढ़ने की संभावना है। गुरुवार को कच्छ जिले में भारी बारिश के बाद शुक्रवार को बारिश पर विराम लग गया है| लेकिन, अब 48 साल बाद जिले पर एक दुर्लभ तूफान का खतरा मंडरा रहा है। चक्रवात ‘असना’ कच्छ की ओर बढ़ते हुए जिले के मांडवी, अबडासा और लखपत तहसील को तबाह कर सकता है। परिणामस्वरूप, जिला कलेक्टर ने इन तीन तहसीलों में मिट्टी के घरों और झोपड़ियों में रहने वाले लोगों से सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील की है और आज शाम 4 बजे तक इस प्रकार के आवास में रहने वाले लोगों को आश्रय देने की भी अपील की है।

सुबह से ही तटीय इलाके में तेज हवाएं और ऊंची लहरें
मुख्यमंत्री ने संभावित तूफान की स्थिति की समीक्षा के लिए गुरुवार रात राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में बैठक की| कच्छ में संभावित तूफान के चलते मुंद्रा, कांडला और जखौ बंदरगाह पर तीन सिग्नल नंबर लगाए गए हैं| मांडवी, अबडासा और लखपत तहसील में भारी बारिश और हवा के कारण मोबाइल नेटवर्क बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
कच्छ जिले के मांडवी में 388 मिमी, मुंद्रा में 217 मिमी, अबडासा में 162 मिमी, अंजार में 80 मिमी, गांधीधाम में 65 मिमी, भुज में 62 मिमी, लखपत में 53 मिमी, नखत्राणा में 43 मिमी, भचाऊ में 42 मिमी, रापर में 13 मिमी बारिश हुई। कच्छ जिले में संभावित तूफान के प्रभाव से प्रसिद्ध तीर्थ स्थल नारायण सरोवर, कोटेश्वर क्षेत्र में समुद्र में तेज बहाव हो रहा है। सुबह से ही तटीय इलाके में तेज हवाएं और ऊंची लहरें चल रही हैं।

सौराष्ट्र में भारी बारिश की आशंका
मौसम विभाग ने संभावित तूफान की आशंका के बीच आज सौराष्ट्र में भारी बारिश की आशंका जताई है| जबकि 31 अगस्त को तटीय इलाकों में भारी बारिश हो सकती है| इसके साथ ही शुक्रवार को कच्छ, दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र में 45 से 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं| जबकि समुद्री तट पर यह गति 65 से 75 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है| तूफान की वजह से गुजरात और पाकिस्तान के तट पर समुद्र उग्र हो जाएगा| अनुमान है कि 31 अगस्त तक समुद्र अशांत रहेगा|

लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया
लखपत में कच्चे मकानों में रहने वाले लोगों को प्राथमिक विद्यालय और गुरुद्वारे में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। गुरुवार को भारी बारिश के कारण ‘दोस्ताना’ नामक मछली पकड़ने वाली नाव में सवार चार मछुआरे देवभूमि द्वारका के पास अरब सागर में फंस गए थे, जिनका कोस्ट गार्ड ने रेस्क्यू किया था। कच्छ के समुद्र तटीय शहर मांडवी में तेज बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जहां पिछले 12 घंटों में 12 इंच से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। तेज बारिश के चलते मांडवी में यातायात के सभी मार्ग बंद कर दिए गए है। बाढ़ को देखते हुए कच्छ और देवभूमि द्वारका समेत बाढ़ प्रभावित जिलों में स्कूल और कॉलेज आज भी बंद रहेंगे। बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत और बचाव अभियान जारी है। पिछले 24 घंटों में राज्य में 1700 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
वहीं मौसम विभाग ने अगले दो से तीन दिनों के भीतर आोडिशा, तटीय कर्नाटक, केरल और माहे में भी मूसलाधार वर्षा का अनुमान व्यक्त किया है।

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