नेपाल में मूसलाधार बारिश के बाद वाल्मीकीनगर गंडक बराज नियंत्रण कक्ष द्वारा गंडक नदी में 3 लाख 35 हजार 600 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. जिसके बाद गंडक नदी में उफान आ गई है. तेजी से बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन ने अभियंताओं को निगरानी का निर्देश दिया है. वहीं, निचले इलाके में रहने वाले लोगों को सतर्कता बरतने की सलाह दी गयी है।
बाढ़ की दस्तक से प्रशासन अलर्ट: मिली जानकारी के अनुसार, नेपाल में हो रही जोरदार बारिश के कारण गंडक नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. जिसके कारण शुक्रवार शाम गंडक बराज नियंत्रण कक्ष द्वारा 3 लाख 35 हजार 600 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया, जिससे निचले इलाकों में फिर से बाढ़ के दस्तक देने की आशंका प्रबल हो गई है. प्रशासन ने एहतियातन के तौर पर दियारावर्ती इलाकों से बाहर निकल आने की सूचना जारी की है।
कई इलाकों में आ गई बाढ़: बता दें कि नेपाल की छोटी नदियों का पानी बिहार में अमूमन हर साल कहर बरपाता है. अभी पिछले हफ्ते गंडक बराज नियंत्रण कक्ष द्वारा इस मॉनसून सत्र का सर्वाधिक 4 लाख 60 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिससे बगहा, बेतिया, मोतिहारी और गोपालगंज के कई इलाकों में बाढ़ आ गई थी. अभी लोग पानी कम होने का इंतजार ही कर रहे थे कि नेपाल में दोबारा हुई जोरदार बारिश के कारण फिर से बाढ़ग्रस्त इलाके के लोगों की चिंता बढ़ा दी है।
कम्युनिटी किचेन की व्यवस्था: वहीं, शुक्रवार शाम गंडक नदी में पानी छोड़ने के बाद से प्रशासन दोबारा अलर्ट मोड पर आ गई है. बगहा के गंडक दियारा पार के तीन पंचायतों में बाढ़ की त्रासदी से लोग जूझ रहे हैं. प्रशासन ने उन्हें पिपरासी स्थित बाढ़ आश्रयणी भवन में रखा है और उनके लिए कम्युनिटी किचेन की व्यवस्था है. बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों को लग रहा था कि गंडक का जलस्तर कम होने के बाद स्थितियां सामान्य हो जाएंगी. लेकिन दोबारा गंडक का जलस्तर तेजी से बढ़ा है और अब फिर से हालात बिगड़ने की आशंका बढ़ गई है।
लोगों को किया गया अलर्ट: बता दें कि नेपाल के देवघाट से 3 लाख 48 हजार क्यूसेक पानी नारायणी नदी में छोड़ा गया है, जो रात तक और बढ़ सकता है. लिहाजा जलसंसाधन विभाग की टीम तटबंधों की सतत निगरानी कर रही है और लोगों को अलर्ट कर दिया गया है।