गांव की पहली अफसर बिटिया, लगातार दो बार UPSC निकालकर बनीं IAS, सेल्फ स्टडी के दम पर पाई 5वीं रैंक : वह कहती है कि मैं अपने गांव की पहली अफसर बिटिया हूं. मैं लगातार दो बार यूपीएससी परीक्षा पास कर सफलता का परचम लहराया और आईएएस अधिकारी बन गई. मैंने बिना किसी कोचिंग सेंटर के ज्वाइन किए बिना सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने का फैसला लिया और आखिरकार जीत गई. यूपीएससी परीक्षा में मुझे ऑल इंडिया रैंक 5 प्राप्त हुए थे।
मेरा नाम ममता है और मैं हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले की रहने वाली हूं. मेरे गांव का नाम बसई है. पापा प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं. मां घर का चूल्हा चौका संभालती है. मेरी पढ़ाई लिखाई दिल्ली से हुई है. आप लोगों ने ग्रेटर कैलाश का नाम सुना होगा यहां पर बलवंत राय मेहता नामक एक स्कूल है जहां मेरी शुरुआती पढ़ाई आरंभ हुई. दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से मैंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है।
इसके बाद ममता ने सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दी. 4 साल तैयारी करने के बाद उन्होंने साल 2019 में ये परीक्षा क्लियर कर ली. तब उनकी 556वीं रैंक आई थी. लेकिन वह आईएएस बनना चाहती थीं, लिहाजा वह इससे संतुष्ट नहीं हुईं. वह फिर से तैयारी में जुट गईं औऱ पहले से और अधिक मेहनत की।
पहले वह 8 से 10 घंटे की पढ़ाई करती थीं, लेकिन इस बार उन्होंने 10 से 12 घंटे पढ़ना शुरू कर दिया. उन्होंने सेल्फ स्टडी पर ज्यादा फोकस किया. इसके अलावा उन्होंने एनसीईआरटी और अन्य पुस्तकों की भी सहायता ली. उनकी मेहनत रंग लाई और यूपीएससी 2020 की परीक्षा में उन्होंने देशभर में 5वीं रैंक हासिल की और अपनी मनपसंद रैंक आईएएस पाईं।
वह अपने गांव की आईएएस बनने वाली पहली महिला हैं. वह अपनी सफलता का श्रेय अपने मां-बाप, गुरूजनों और परिवारजनों को देती हैं. ममता यादव की कहानी ये साबित करती है कि मेहनत से कुछ भी हासिल किया जा सकता है, बस इंसान को प्रयास जारी रखना चाहिए।