BPSC विवाद में गतिरोध जारी; छात्रों ने बातचीत का प्रस्ताव ठुकराया, CM नीतीश से मिलने की मांग की
पटना: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के प्रश्नपत्र लीक मामले को लेकर विवाद अब गतिरोध का रूप लेता दिख रहा है। प्रदर्शनकारी छात्रों ने शनिवार को पटना जिला प्रशासन की आयोग के अधिकारियों से बातचीत की पेशकश ठुकरा दी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने का समय मांगा। पटना के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) चंद्रशेखर सिंह ने भी अपना रुख सख्त करते हुए कहा कि वह रविवार को जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर द्वारा बुलाई गई ‘छात्र संसद’ की अनुमति नहीं देंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कोई कोचिंग संस्थान मालिक किसी भी तरह से विरोध प्रदर्शन में शामिल पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। किशोर शनिवार को गर्दनीबाग गए, जहां पिछले कई दिनों से बीपीएससी के अभ्यर्थी धरना दे रहे हैं।
‘यह प्रतिबंधित क्षेत्र, यहां अन्य कार्यक्रम भी चल रहे’
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए किशोर ने कहा, ‘‘यहां आने से पहले मैंने शिक्षा क्षेत्र के लोगों से लंबी चर्चा की थी। मैं यह जरूर कहना चाहूंगा कि जहां तक बीपीएससी परीक्षाओं का सवाल है, अनियमितताएं और पेपर लीक होना अब आम बात हो गई है। ऐसे ही नहीं चल सकता… हमें इसका समाधान निकालना होगा। इसलिए हमने इस मुद्दे का समाधान निकालने के लिए रविवार को पटना के गांधी मैदान में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास ‘छात्र संसद’ आयोजित करने का फैसला किया है।” सिंह ने बातचीत में कहा, ‘‘जिला प्रशासन छात्रों को गांधी मैदान में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास एकत्र होने की अनुमति नहीं देगा… यह प्रतिबंधित क्षेत्र है। वहां अन्य कार्यक्रम भी चल रहे हैं। गांधी मैदान और उसके आसपास पर्याप्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।” प्रदर्शनकारी छात्रों को जिला प्रशासन की ओर से दी गयी पेशकश के बारे में डीएम ने कहा, ‘‘प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों ने अभी तक अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। इससे पहले दिन में हमने उन्हें बीपीएससी अधिकारियों के साथ बैठक की सुविधा देने का प्रस्ताव दिया था, ताकि वे अपनी शिकायतें रख सकें। (लेकिन) वे (अभ्यर्थी) इस संबंध में सीएम (मुख्यमंत्री) से मिलना चाहते हैं..।” उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता, क्योंकि बीपीएससी एक स्वतंत्र निकाय है और सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं है।
“आयोग उचित समय के भीतर उचित निर्णय या रुख अपनाएगा”
बीपीएससी द्वारा आयोजित 70वीं एकीकृत संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (सीसीई), 2024 का प्रश्नपत्र लीक होने के आरोपों के कारण अभ्यर्थी एक सप्ताह से अधिक समय से परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने शनिवार को कहा कि प्रदर्शनकारियों को बातचीत के लिए अपने पांच प्रतिनिधियों को नामित करना होगा, जिसके बाद बीपीएससी (मुलाकात के लिए) ‘‘उचित समय के भीतर” निर्णय लेगा। सिंह ने शनिवार को कहा, ‘‘जिला प्रशासन ने प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों को अपने प्रतिनिधियों (सभी परीक्षार्थी) की सूची देने को कहा है, ताकि हम इस मुद्दे पर बीपीएससी अधिकारियों के साथ उनकी बैठक करवा सकें।” उन्होंने कहा, ‘‘वे बैठक में आयोग के अधिकारियों को अपनी शिकायतों से अवगत करा सकते हैं। जिला प्रशासन भी प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों को आश्वस्त करता है कि आयोग उचित समय के भीतर उचित निर्णय या रुख अपनाएगा।” सिंह ने कहा कि आयोग एक स्वतंत्र निकाय है और वह अपने निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है। प्रदर्शनकारी कई दिन से गर्दनी बाग में धरने पर बैठे हैं। उनका कहना है कि सभी केंद्रों पर हुई परीक्षा रद्द करने का आदेश दिया जाना चाहिए, क्योंकि केवल एक केंद्र के लिए पुनर्परीक्षा ‘‘समान अवसर” के सिद्धांत के विरुद्ध होगी। इसके अलावा, डीएम ने कहा कि जिला प्रशासन कोचिंग संस्थान के मालिकों और उनके छात्रों की गतिविधियों पर भी नजर रख रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हम उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रहे हैं। अगर वे प्रदर्शनकारी उम्मीदवारों को भड़काने वाली गतिविधियों में लिप्त पाए गए, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
गुरु रहमान से की गई पूछताछ
‘इंडिया’ गठबंधन के सहयोगी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (एम-एल) लिबरेशन ने भी 30 दिसंबर को बिहार में कुछ छात्र संगठनों द्वारा किये गये ‘चक्का जाम’ के आह्वान का समर्थन करने का फैसला किया है। पटना पुलिस ने गर्दनीबाग में छात्रों को संबोधित करके प्रदर्शनकारी उम्मीदवारों को भड़काने और भड़काऊ भाषण देने के आरोप में शनिवार को प्रभावशाली यूट्यूबर मोतीउर रहमान खान उर्फ गुरु रहमान से पूछताछ की। पूछताछ के बाद रहमान ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने अधिकारियों से साफ कहा कि मैं यह नहीं कह रहा हूं कि पेपर लीक हुआ है, मैंने बस इतना कहा कि मैं ‘अंकों के सामान्यीकरण’ की प्रक्रिया के खिलाफ हूं, जो निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए कई शिफ्टों में आयोजित परीक्षाओं के अंकों को समायोजित करता है। पुलिस ने मुझे बीपीएससी उम्मीदवारों के किसी भी धरने या विरोध प्रदर्शन में भाग नहीं लेने को कहा है। मुझे तीन जनवरी को पूछताछ के लिए फिर से बुलाया गया है।”
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