एक नंबर से मिली मात देती है ज्यादा तकलीफ, इस हार से टूटे और खूब रोए, पढ़िए IAS अर्पित की कहानी
कई बार आपके रास्ते में एक के बार कई रुकावटें आती है, यहां आप रुक जाते हो या हर बाधा को पार आगे बढ़ते हो ये आपका फैसला है, लेकिन इनसे लड़ने वाले कामयाबी जरूर पाते हैं और मशहूर हो जाते हैं. आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के सफर में इतने उतार-चढ़ाव देखें कि कोई और होता तो हार मान लेता।
हम बात कर रहे हैं आईएएस ऑफिसर अर्पित गुप्ता की, जिन्होंने ऑल इंडिया 54वीं रैंक हासिल की. आईएएस अर्पित की कहानी केवल सफलता पाने के बारे में नहीं है, बल्कि यूपीएससी की तैयारी कैसे करें इसके बारे में भी है. अर्पित की यात्रा किसी के सपनों की खोज में दृढ़ संकल्प का जीता जागता प्रमाण है।
अपनी कहानी खुद लिखी
अर्पित के संघर्ष की कहानी बहुत ही मोटिवेशनल है, जो दूसरों को कुछ बेहतर करने की सीख देती है. अर्पित के इस सफर की शुरुआत ही एक बड़ी असफलता से होती है. अक्सर लोग हार जाने पर अपनी किस्मत को कोसते लगते हैं, लेकिन अर्पित ने यह गलती कभी नहीं की. उनका मानना है कि कोई भी हार हमारी किस्मत की नहीं, बल्कि हमारी तैयारी में रह गई कमी का नतीजा बनकर हमारे सामने आती है।
सिविल सेवक बनने की आकांक्षा
उत्तर प्रदेश के रहने वाले अर्पित के पिता रेलवे में कार्यरत थे. अर्पित ने सीएम सिटी गोरखपुर से ही पढ़ाई पूरी की. इसके बाद आईआईटी रुड़की से इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी की. फिर कुछ समय तक फाइनेंशियल मार्केट एनालिस्ट के तौर पर काम किया. अच्छी खासी नौकरी होने के बावजूद अर्पित सिविल सेवक बनने की अपनी आकांक्षा को नहीं छोड़ पाए और यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली जाने का फैसला किया।
संघर्ष की कहानी
सितंबर 2019 में अर्पित ने अपनी यूपीएससी यात्रा शुरू की. साल 2020 में अर्पित ने अपना फर्स्ट अटैम्प्ट दिया. यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के पहले ही चरण में उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई, लेकिन उन्होंने प्रीलिम्स निकाल लिया. आगे अर्पित के लिए इससे भी बड़ी चुनौती इंतजार कर रही थी. मेंस परीक्षा से पहले उन्हें चिकन पॉक्स हो गया, लेकिन तपते बुखार में उन्होंने मेंस दिया, लेकिन केवल एक नंबर से रह गए. इस तरह पहले अटैम्प्ट में इंटरव्यू राउंड तक नहीं पहुंच सके. एक नंबर से मिली हार से अर्पित भी टूट गए थे और खूब रोए, लेकिन खुद पर भरोसा कम नहीं होने दिया और फिर तैयारी शुरू कर दी।
24 साल की उम्र में किया UPSC क्वालिफाई
अपने दूसरे अटैम्प्ट की तैयारी के दौरान उन्होंने अपने चचेरे भाई को खो दिया, लेकिन उन्होंने अपनी तैयारी को प्रभावित नहीं होने दिया. केवल 24 साल की उम्र में अपने दूसरे प्रयास में अर्पित ने एग्जाम क्वालिफाई कर लिया. अर्पित गुप्ता ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2021 में सफलता हासिल की और 54वीं रैंक पाकर यह दिखा दिया कि मेहनती लोगों को उनकी मंजिल मिल ही जाती है।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.