दिल्ली एयरपोर्ट 150 गंतव्यों को जोड़ने वाला भारत का पहला एयरपोर्ट बन गया है। इसी के साथ दिल्ली एयरपोर्ट ने वैश्विक विमानन केंद्र के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। हाल ही में थाई एयरएशिया एक्स ने दिल्ली और बैंकॉक-डॉन मुआंग (डीएमके) के बीच सीधी उड़ानों का उद्घाटन किया।
एयरबस ए330 विमान द्वारा संचालित यह मार्ग शुरू में सप्ताह में दो बार चलेगा। जनवरी 2025 के मध्य तक इसकी फ्रीक्वेंसी को हफ्ते में चार बार बढ़ाने की योजना है।
इस उपलब्धि पर डीआईएएल के सीईओ विदेह कुमार जयपुरियार ने कहा, “150 गंतव्यों को जोड़ने का यह मील का पत्थर वैश्विक संपर्क बढ़ाने और विश्व स्तरीय यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए हमारी अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। हमें भारत को विमानन के एक नए युग में ले जाने पर गर्व है और हम दुनिया भर के यात्रियों के लिए पसंदीदा केंद्र बनने के लिए समर्पित हैं।”
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डीआईएएल) ने ग्लोबल कनेक्टिविटी का विस्तार करने के लिए अपने निरंतर प्रयासों पर जोर दिया। पिछले कुछ वर्षों में, एयरपोर्ट ने 20 से ज्यादा एक्सक्लूसिव इंटरनेशनल डेस्टिनेशन को शामिल किया है।
इनमें नोम पेन्ह, बाली डेनपसार, कैलगरी, मॉन्ट्रियल, वैंकूवर, वाशिंगटन डलेस, शिकागो ओ’हारे और टोक्यो हनेडा शामिल हैं। एयरपोर्ट की ओर से यह सुविधा महाद्वीपों की यात्रा करने वालों के लिए यात्रा विकल्पों को बढ़ाने से जुड़ी है।
इसके अलावा, हाल ही में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, देश में बीते 10 वर्षों में चालू एयरपोर्ट की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है।
2014 में 74 एयरपोर्ट से उड़ानें संचालित होती थीं जबकि 2024 में देश के 158 एयरपोर्ट से हवाई सेवाएं संचालित हो रही हैं।
इसी के साथ उड़ान योजना के तहत 613 मार्गों पर सफलतापूर्वक हवाई सेवाएं शुरू की गई हैं। 87 एयरपोर्ट को जोड़ा गया है और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा दिया गया है।
केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी थी कि संपर्क रहित और निर्बाध यात्रा संभव हो रही है। 24 हवाई अड्डों पर चेहरे की पहचान प्रौद्योगिकी (एफआरटी) लागू की गई है। इसके साथ ही भारत वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार बनकर उभरा है।