प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद ने प्रदेश के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार से मिलकर निजी विद्यालयों को क्यूआर कोड देने की मांग की है. ऐसा इसलिए ताकि अधिक से अधिक गरीब बच्चे शिक्षा का अधिकार के तहत निजी विद्यालयों में मुफ्त शिक्षा का लाभ ले सकें।
समस्याओं को सामने रखा: उन्होंने प्राइवेट स्कूल की वर्तमान समस्याओं को भी मंत्री के सामने रखा. साथ ही बताया कि शिक्षा विभाग के ई संबंधन पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करने वाले हजारों विद्यालयों को अभी तक QR कोड जिला शिक्षा पदाधिकारी की मनमानी के कारण नहीं मिला है. जिसके कारण लाखों गरीब बच्चे RTE का लाभ नहीं उठा पा रहे है।
बकाया राशि देने का भी आग्रह: वहीं, सैयद शमायल अहमद ने कहा कि RTE के तहत पहले से मान्यता प्राप्त स्कूलों से आठवीं पास बच्चों का नामांकन उच्च विद्यालयों में होता आ रहा था. लेकिन हजारों बच्चो का नामांकन 9वीं में नहीं हो पा रहा है. इसलिए शिक्षा मंत्री से आग्रह किया है कि बच्चों के भविष्य को देखते हुए 9वीं कक्षा में नामांकन लेने के संबंध में आदेश पारित किया जाए. इसके अलावा उन्होंने शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत निजी विद्यालयों की बकाया राशि जो कई वर्षों से लंबित है, उसे अविलंब निर्गत करने का आग्रह किया है।
संचालकों के साथ दुर्व्यवहार का आरोप: इसके अलावा उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री ने उनकी बातों को सुनकर प्राथमिक शिक्षा के निदेशक मिथिलेश मिश्रा को निर्देश दिया है कि निजी विद्यालयों की समस्याओं को अविलंब हल करें. उन्होंने कहा कि वह कई जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा अपने कार्यालय में निजी विद्यालयों के संचालकों के साथ दुर्व्यवहार करने की शिकायत भी मंत्री से की है. जिसको माननीय मंत्री ने गंभीरता से संज्ञान में लिया है और आश्वासन दिया है कि सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया जाएगा के वह शिक्षाविदों के साथ सम्मान से पेश आएं।
“शिक्षा विभाग के ई संबंधन पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करने वाले हजारों विद्यालयों को अभी तक QR कोड नहीं मिला है. इसका मुख्य कारण जिला शिक्षा पदाधिकारी की मनमानी है. उनके वजह से लाखों गरीब बच्चे RTE का लाभ नहीं उठा पा रहे है. हमने मंत्री जी से कहकर इसे अविलंब निर्गत करने का आग्रह किया है.” – सैयद शमायल अहमद, राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन