बिहार में तेजी से बदलते सियासी घटनाक्रम को लेकर विधानसभा के अंदर भी जोरदार हंगामा हुआ. विपक्षी सदस्यों ने पहले सदन के बाहर और फिर सदन के अंदर नारेबाजी और शोर-शराबा किया. लेफ्ट पार्टी के विधायकों ने पूरी घटना के लिए सरकार को कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने बीजेपी पर धनबल के दम पर विधायकों को खरीदने का आरोप लगाया।
‘बीजेपी ने सारी हदें पार कीं’: सीपीआईएमएल के विधायक सुदामा प्रसाद ने बीजेपी पर कई गंभीर आरोप लगाए. सुदामा प्रसाद ने कहा कि बीजेपी ने सारी हदें पार कर लोकतंत्र को तार-तार कर दिया है. सुदामा प्रसाद ने कहा कि ”बीजेपी सीबीआई और सीआईडी के दम पर विपक्ष की आवाज को दबा रही है, जो मंगलवार को और 12 फरवरी को सदन में हुआ उस पर पूरा देश शर्मसार है.”
‘जनता लड़ेगी और जीतेगी’: वहीं विधायक अरुण कुमार ने कहा कि ”धनबल से विधायकों को खरीदने की कोशिश राजनीति को दूषित कर रही है, राजनीतिक नैतिकता को बर्बाद कर रही है.” अरुण कुमार ने कहा कि बीजेपी खुलेआम धन का इस्तेमाल कर विधायकों को खरीद रही है, लेकिन जनता इसके खिलाफ लड़ेगी और जीतेगी।
महागठबंधन के 6 विधायक पाला बदल चुके हैं: 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे महागठबंधन को 27 फरवरी को उस समय जोरदार झटका लगा जब महागठबंधन के तीन विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया. इनमें कांग्रेस के दो विधायक सिद्धार्थ कुमार और मुरारी गौतम शामिल हैं. वहीं आरजेडी की विधायक संगीता कुमारी ने भी बीजेपी जॉइन कर ली. इस घटना के बाद राज्य में सियासी घमासान मच गया है. इससे पहले 12 फरवरी को सदन में विश्वासमत के दौरान भी आरजेडी के 3 विधायकों प्रह्लाद यादव, चेतन आनंद और नीलम कुमारी ने नीतीश सरकार के समर्थन में वोटिंग की थी।