बिहार में डेंगू घातक हो चुका है. राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान 335 नये डेंगू मरीज पाये गये हैं. इसके साथ ही राज्य में इस वर्ष डेंगू मरीजों की संख्या बढ़कर 4168 हो गयी है. इसमें सितंबर के 22 दिनों में 3893 मरीज शामिल हैं. वहीं सारण जिले में डेंगू से अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है. छपरा शहरी क्षेत्र के अलावे गड़खा, दिघवारा तथा रिविलगंज में भी कई डेंगू पीड़ित मरीज मिले हैं. रिविलगंज में दो तथा दिघवारा एक व्यक्ति की डेंगू से जान गयी है।
जिन क्षेत्रों में डेंगू पीड़ित मरीज भी मिले हैं. जिनकी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. प्रखंड स्तर पर स्थानीय पीएचसी में डेंगू के संभावित लक्षण वाले मरीजों की प्रारंभिक जांच के बाद उन्हें छपरा सदर अस्पताल भेजा जा रहा है. जहां ओपीडी में बने जांच घर में लक्षण वाले मरीजों का सैंपल लिया जा रहा है और उसे तुरंत ब्लड बैंक के डेंगू जांच केंद्र में भेजा जा रहा है. जहां 24 घंटे के अंदर ही सैंपल की जांच कर रिपोर्ट भेज दी जा रही है. प्रतिदिन करीब 100 सैंपल जांचे जाने की बात कही जा रही है।
चार से पांच दिनों तक तेज बुखार रहने तथा डेंगू के संभावित लक्षण दिखने के बाद कई मरीज निजी अस्पतालों में भर्ती हो जा रहे हैं. शहर के दारोगा राय चौक तथा नगरपालिका चौक के कई निजी क्लिनिक में इस समय डेंगू से पीड़ित मरीज एडमिट है. वहीं कुछ मरीजों को गंभीर अवस्था में पटना के निजी अस्पतालों में भी रेफर किया गया है. सदर अस्पताल ने भी निजी क्लिनिकों में भर्ती डेंगू पीड़ित मरीजों की जानकारी मांगी है।
वहीं स्थानीय पीएचसी स्तर पर भी आ रहे मरीजों की बेहतर मॉनिटरिंग करने हेतु चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ एसडी सिंह ने बताया कि डेंगू के लक्षण मिलने पर उसे गंभीरता से लेना चाहिये और तुरंत सदर अस्पताल या स्थानीय पीएचसी में संपर्क करना चाहिये।