बिहार में डेंगू (Dengue in Bihar) मरीजों का आंकड़ा चार हजार पार कर गया है। शनिवार को राज्य में 335 नए मरीज मिले। अबतक 4168 डेंगू के मरीज मिल चुके हैं। इसमें केवल सितम्बर महीने में 3893 मरीज मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार भागलपुर में 20, सारण में 18, मुंगेर व नवादा में 17-17, वैशाली में 13 मरीज मिले हैं। राज्य के 12 मेडिकल कॉलेजों में अभी 261 मरीजों का उपचार चल रहा है।
भागलपुर में सबसे ज्यादा मरीज :
दैनिक हिंदुस्तान की एक रिपोर्ट के मुताबिक इसमें सबसे अधिक भागलपुर मेडिकल कॉलेज में 110 मरीज भर्ती हैं। अन्य मेडिकल कॉलेजों में एम्स पटना में 14, आईजीआईएमएस पटना में 18, पीएमसीएच पटना में 26, एनएमसीएच पटना में 11, एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर में 15, डीएमसीएच दरभंगा में चार, एएनएमसीएच गया में 16, जीएमसी बेतिया में तीन, जीएमसी पूर्णिया में छह, मधेपुरा मेडिकल कॉलेज में दो और विम्स पावापुरी में 36 मरीजों का उपचार चल रहा है।
पटना में 93 नए केस :
पटना में शनिवार को डेंगू के 93 नए मरीज मिले। इनमें सबसे अधिक पाटलिपुत्र अंचल में 43 मिले। इसके अलावा एनसीसी अंचल में 13, बांकीपुर में 10 , कंकड़बाग में छह, अजीमाबाद में पांच पीड़ित मिले। ग्रामीण इलाके मसौढ़ी, फुलवारीशरीफ, फतुहा, बिहटा, दानापुर आदि से भी अब बड़ी संख्या में डेंगू के मरीज मिले हैं। जिला संक्रामक रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सुभाष चंद्र प्रसाद ने बताया कि पटना के सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या बढ़कर 70 पर पहुंच गई है।
बारिश के बाद अब और बढ़ सकता है प्रकोप :
वरीय फिजिशियन पारस अस्पताल के डॉ. प्रकाश सिन्हा, सेवानिवृत फिजिशियन डॉ. सुरेंद्र कुमार ने बताया कि पिछले दो दिनों की बारिश से शहर के कई इलाके में जलजमाव हो गया है। सड़क से तो पानी निकल जाएगा, लेकिन खाली प्लॉट में जमा पानी, जगह-जगह फेंके गए डब्बे, नारियल का खाली डाभ, टायर, प्लास्टिक, छतों पर कई दिनों तक पानी जमा रह जाता है। ऐसे में डेंगू का प्रकोप और बढ़ने की आशंका है। शहर का बड़ा हिस्सा डेंगू से प्रभावित है।
बता दें कि डेंगू के सबसे ज्यादा मामले जुलाई से अक्टूबर के महीने में देखने को मिलते हैं। कहने का मतलब यह है कि आमतौर पर डेंगू बारिश के मौसम में ही फैलता है। चूंकि पिछले कई सालों से दिवाली के पहले यानी अक्टूबर के महीने तक बारिश हो रही है। ऐसी सिचुएशन में पानी जमा होने की वजह से इसके केस बढ़ने की आशंका ज्यादा रहती है।
डेंगू के लक्षण क्या हैं?
लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि डेंगू बुखार किस प्रकार का है। ये तीन प्रकार के होते हैं :
- साधारण डेंगू बुखार
- डेंगू हॅमरेजिक बुखार
- डेंगू शॉक सिन्ड्रोम
हॅमरेजिक बुखार में नाक, मसूड़े और उल्टी से खून आता है। डेंगू शॉक सिन्ड्रोम में मरीज बैचेन रहता है। कई बार होश खो देता है। इसमें बल्ड प्रेशर भी कम होने लगता है।
इन तीनों के 8 कॉमन लक्षण होते हैं :
- सिर दर्द
- मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द
- ठंड लगने के साथ बुखार चढ़ना
- जी मिचलाना
- उल्टी आना
- आंखों में दर्द
- स्किन पर लाल चकत्ते होना
- मुंह का स्वाद खराब लगना
अगर ये लक्षण दिखाई दें, तो क्या करना चाहिए?
अपनी मर्जी से कोई ब्लड टेस्ट न कराएं। तुरंत डॉक्टर के पास जाएं, लक्षण बताएं। वह खुद आपका टेस्ट करवाएंगे।
कैसे पता लगेगा कि डेंगू है या मलेरिया?
अगर आपको डेंगू के लक्षण दिखाई दे रहे हैं या बुखार आ रहा है, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। डॉक्टर आपका ब्लड टेस्ट करके इस बात का पता लगा लेंगे कि आपको डेंगू है या मलेरिया है। खुद से कोई भी टेस्ट कराने के चक्कर में न पड़ें, पहले डॉक्टर के पास जाकर ट्रीटमेंट लें।
डेंगू से बचने का क्या तरीका है?
- एक तो एडीज मच्छरों को पनपने न दें, दूसरा अगर हो जाएं, तो उन मच्छरों के काटने से बचें।
- सप्ताह में कम से कम एक बार कूलर और दूसरे कंटेनरों से पानी निकालें।
- मच्छरों के काटने को रोकने के लिए दिन के समय में एरोसोल का इस्तेमाल करें।
- सोते समय मच्छरदानी का या मॉस्किटो रेपलेंट्स का इस्तेमाल करें।
- फुल स्लीव वाले कपड़े पहनें।
- घर के दरवाजे और खिड़कियों को शाम होते ही बंद कर दें।