बिहार के राजनीतिक गलियारे में इस बात पर कयास परवान पर है कि हफ्ते भर के भीतर राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा। इस कयास के बीच यह चर्चा जाेरों पर है कि जदयू कोटे के कुछ मंत्रियों के विभाग बदल सकते हैं।
सबसे अधिक बात शिक्षा महकमे को लेकर हो रही। महागठबंधन की सरकार में यह विभाग राजद के पास था। राजग सरकार गठन के बाद यह महकमा अब जदयू के पास है।
शिक्षा विभाग की चर्चा
शिक्षा विभाग में आने वाले समय में बड़े स्तर पर शिक्षकों की नियुक्ति होनी है। इस वजह से सरकार के चेहरे के रूप भी इस विभाग का विशेष महत्व है। फिलहाल इस विभाग का जिम्मा विजय चौधरी के पास है। उनके पास जल संसाधन, सूचना एवं जनसंपर्क तथा संसदीय कार्य मंत्री का जिम्मा भी है।
यह कहा जा रहा कि संजय झा के राज्यसभा चले जाने के बाद अब विजय चौधरी ही जल संसाधन एवं सूचना एवं जनसंपर्क विभाग का कामकाज संभालेंगे। ऐसे में शिक्षा मंत्री के रूप में किसी तेज व्यक्ति की जरूरत पड़ेगी।
पूर्व में अशोक चौधरी शिक्षा विभाग का कामकाज संभाल चुके हैं। महागठबंधन की सरकार में अशोक चौधरी के पास भवन निर्माण विभाग का जिम्मा था। भवन निर्माण विभाग की देख-रेख में फिलहाल कई आइकानिक संरचनाओं का निर्माण हो रहा है। ऐसे में यह विभाग भी काफी महत्व का है।
इन दो विभाग के लिए अलग-अलग मंत्री
सत्ता के गलियारे में यह चर्चा है कि ग्रामीण कार्य व ग्रामीण विकास विभाग के लिए अलग-अलग मंत्री हाेंगे। महागठबंधन की सरकार में ग्रामीण कार्य विभाग तेजस्वी यादव के पास था। राजग की सरकार में दोनों विभाग का कामकाज जदयू के एक पुराने मंत्री संभाल रहे। यह तय है कि उनके पास या तो ग्रामीण कार्य विभाग होगा या फिर ग्रामीण विकास विभाग।
किसे मिलेगा समाज कल्याण विभाग?
समाज कल्याण विभाग के बारे में कहा जा रहा कि पूर्व में रही महिला मंत्री को यह विभाग जा सकता है। महागठबंधन कि सरकार में जिस मंत्री के पास समाज कल्याण विभाग था उन्हें खाद्य आपूर्ति का जिम्मा दिया जा सकता है।
ऊर्जा व योजना एवं विकास विभाग में कोई परिवर्तन नहीं
यह बात चल रही कि ऊर्जा व योजना एवं विकास विभाग में किसी तरह का कोई परिवर्तन नहीं होगा। बिजेंद्र प्रसाद इस महकमे का कामकाज संभाल रहे।