उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री, बिहार विजय कुमार सिन्हा द्वारा आज कृषि भवन, पटना में 10 हजार किसान उत्पादक संगठन (एफ पी ओ) के गठन एवं संवर्द्धन योजना के अंतर्गत राज्य स्तरीय किसान उत्पादक संगठन मेला/प्रदर्शनी तथा कार्यशाला-2025 का उद्घाटन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सचिव, कृषि विभाग, बिहार संजय कुमार अग्रवाल द्वारा की गई।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि कृषि आज हमारे लिए महज जीवन निर्वाह का साधन नहीं रह गया है बल्कि यह उद्यमिता का उभरता हुआ क्षेत्र बन गया है। देश प्रधानमंत्री के नेतृत्व में बेहद साफ संकल्प के साथ विकसित भारत की ओर कदम बढ़ा चुका है। ऐसे में हम किसान को विकास का पहला इंजन मानते हुए समाज में अन्नदाता के रूप में प्रतिष्ठित करना चाहते हैं। इस प्रयास से कृषि सेक्टर के विकास और ग्रामीण समृद्धि के रूप में दो बड़े लक्ष्य एक साथ साधे जा सकेंगे। दस से ग्यारह साल पहले जो कृषि उत्पादन 265 मिलियन टन के करीब था। वह अब बढ़कर 330 मिलियन टन से ज्यादा हो गया है। इसी तरह, बागवानी से जुड़ा उत्पादन बढ़कर 350 मिलियन टन से ज्यादा हो गया है। यह केंद्र सरकार के बीज से बाजार तक की अप्रोच का परिणाम है। इन वर्षों में किसान केंद्रित फिजिकल, डिजिटल और सोशल तीनों प्रकार के इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने पर बल दिया गया है, ताकि किसी बिचौलिए या लीकेज की गुंजाइश ही ना रहे।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान उत्पादक संगठन का गठन और उसका प्रसार आदरणीय प्रधानमंत्री एक ऐसी ही शानदार पहल है। एफ पी ओ के जरिये देश भर में ऐसी संस्थाओं का लाभकारी नेटवर्क तैयार करने का लक्ष्य है। जो सही मायने में किसानों का किसानों के लिए किसानों द्वारा संचालित संगठन साबित हो सके। यह संगठन किसानों को उनके उत्पादों के उत्पादन, प्रोसेसिंग, मूल्यवर्धन और मार्केटिंग में निर्णायक भूमिका निभाए, ताकि किसानों की आय और आत्मनिर्भरता दोनों में गुणात्मक बदलाव आ सके।
उन्होंने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 29 फरवरी, 2020 को 10 हजार किसान उत्पादक संगठनों के गठन और संवर्द्धन के लिए केंद्रीय योजना की शुरुआत की थी। इस योजना को वर्ष 2027-28 तक 6,865 करोड़ रुपए के बजट परिव्यय के साथ शुरू किया गया था। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री हाल ही में 26 फरवरी को भागलपुर आए थे। उसी समय में 10 हजारवें एफ पी ओ का उद्घाटन भी किया था और हमारे लिए सुखद है कि यह 10 हजारवां एफ पी ओ खगड़िया जिले में पंजीकृत किया गया, जो मक्का, केला और धान पर केंद्रित है। बिहार के विशेष संदर्भ में बात करें तो अब तक हमारे राज्य में 696 एफ पी ओ का गठन हो चुका है। जिससे राज्य के 2 लाख से अधिक किसान सीधे लाभान्वित हो रहे हैं। यहाँ इस मेले में भी 40 से अधिक एफ पी ओ के द्वारा गेहूं, मक्का, दलहन, तिलहन, मखाना, मशरूम से जुड़े उत्पादों का प्रदर्शन किया जा रहा है। आने वाले तीन दिनों में एफ पी ओ से जुड़े उत्पादों के प्रचार, प्रसार और मार्केटिंग से जुड़े प्रयासों पर विशेष बल दिया जाएगा।
उन्होंने आगे बताया कि हमारा राज्य 90 प्रतिशत से अधिक लघु-सीमांत किसानों की आबादी वाला राज्य है। हमारे छोटे, सीमांत और भूमिहीन किसानों को कृषि से जुड़ी टेक्नोलॉजी, गुणवत्ता वाले बीज, उर्वरक और कीटनाशकों तक पहुंच और आवश्यक पूंजी से जुड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। आर्थिक तंगी के कारण उन्हें अपनी उपज की मार्केटिंग में भी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। एफपीओ के गठन और विस्तार से ऐसे छोटे, सीमांत और भूमिहीन किसानों को सामूहिक रूप से संगठित होकर लाभ उठाने में मदद मिलेगी। एफ पी ओ के सदस्य अपनी आय में तेजी से वृद्धि के लिए टेक्नोलॉजी, इनपुट, पूंजी और बाजार तक बेहतर पहुंच प्राप्त करने के लिए संगठन में एक साथ अपनी गतिविधियों का प्रबंधन करने में सफल होंगे।
सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हम खेत से लेकर बाजार तक राज्य के किसानों को सशक्त करेंगे। फसल, बागबानी, नकदी फसलों के साथ औषधीय और फूल की खेती को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्रगत विशेषताओं के आधार पर काम कर रहे हैं। देश के कुल निर्यात में बिहार का योगदान 5 प्रतिशत तक ले जाने का जो लक्ष्य सरकार ने लिया है, उसमें सूबे का किसान प्रधान चालक बनकर उभरेगा। कृषि और किसानों की तरजीह के आधार पर स्वच्छ, स्वस्थ और पारदर्शी व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए विभाग मिशन मोड में काम करेगा।
इस अवसर पर विशेष सचिव, कृषि विभाग डॉ वीरेन्द्र प्रसाद यादव, कृषि निदेशक नितिन कुमार सिंह, निदेशक उद्यान अभिषेक कुमार, अपर सचिव-सह-निदेशक, विपणन शैलेन्द्र कुमार, अपर सचिव कल्पना कुमारी, अपर निदेशक (शष्य) धंनजयपति त्रिपाठी सहित कृषि विभाग के पदाधिकारी एवं कर्मचारी तथा किसान उत्पाद संगठन एवं बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।
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