आचार्य किशोर कुणाल के निधन पर उपमुख्यमंत्री ने जताया शोक

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बिहार से बड़ी खबर सामने आ रही है। राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य आचार्य किशोर कुणाल का निधन हो गया है। किशोर कुणाल का हृदय गति रुकने से निधन हुआ है। किशोर कुणाल को आज सुबह कार्डियक अरेस्ट हुआ और उन्हें तुरंत महावीर वत्सला अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका निधन हो गया। आचार्य किशोर कुणाल महावीर मंदिर न्यास के सचिव थे। इनके निधन के बाद बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने शोक संवेदना प्रकट किया है।

बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि “किशोर कुणाल जी का जीवन समाज सेवा, धार्मिक और सांस्कृतिक उत्थान के लिए समर्पित था। उन्होंने महावीर मंदिर को एक  राष्ट्रीय पहचान दिलाई और समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए अभूतपूर्व कार्य किए। उनके योगदान को शब्दों में व्यक्त करना कठिन है।” उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा, “उनका निधन समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति और उनके परिवार को इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।”

किशोर कुणाल का जन्म 10 अगस्त 1950 को हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूलिंग मुजफ्फरपुर जिले के बरुराज गांव से की। 20 साल बाद, उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी से इतिहास और संस्कृत में ग्रेजुएशन किया। वे 1972 में गुजरात कैडर से भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी बने और पुलिस अधीक्षक पद पर तैनात हुए। वहां से वे 1978 में अहमदाबाद के पुलिस उपायुक्त बने। वह संस्कृत अध्येता भी है।

किशोर कुणाल को 1983 में प्रोमोशन मिला और वे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पद पर पटना में तैनात हुए। कुणाल ने 1990 से 1994 तक गृह मंत्रालय में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी के पद पर काम किया। एक आईपीएस अधिकारी के रूप में कुणाल पहले से ही धार्मिक कार्यों में शामिल थे। इसके बाद साल 2000 में पुलिस से रिटायर होने के बाद उन्होंने केएसडी संस्कृत यूनिवर्सिटी दरभंगा के कुलपति का पद संभाला। 2004 तक वे इस पद पर रहे और बाद में वे बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड (BSBRT) के प्रशासक बने और प्रचलित जातिवादी धार्मिक प्रथाओं में सुधार की शुरुआत की।

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