बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा को लेकर विवाद हर गुजरते दिन के साथ गंभीर रूप लेता जा रहा है। इससे बिहार की सियासत भी गरमा गई है। ऐसे में अब इस मामले को लेकर आज बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी नीतीश कुमार से मुलाकात करने सीएम हॉउस गए हैं। जहां दोनों के बीच इस मसले को लेकर अहम बातचीत हो रही है। ऐसा माना जा रहा है कि इस मुलाकात के बाद सरकार री एग्जाम करवाएगी या नहीं इसका आदेश जारी किया जा सकता है।
दरअसल, रविवार को मुख्यमंत्री नितीश कुमार से मिलने के लिए मार्च कर रहे छात्रों पर पटना पुलिस ने लाठियां चलाई थी। धरना दे रहे अभ्यर्थियों के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को बिहार के मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा से मुलाकात की। हालांकि, इस बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला और छात्रों ने धरना जारी रखने का निर्णय लिया है। प्रतिनिधिमंडल में शामिल अनु कुमारी ने बताया कि मुख्य सचिव ने उनकी सभी बातें सुनी। ऐसा लगता है कि निर्णय होगा। मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री के पटना आने के बाद मुलाकत करवाने का आश्वासन दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य सचिव से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल सुभाष ने बताया कि जब तक निर्णय नहीं हो जाता, तब तक धरना जारी रहेगा। मुख्य सचिव को कुछ सबूत भी दिए गए हैं। हम लोगों ने 4 जनवरी की बापू परिसर में पुनर्परीक्षा को स्थागित करने की बात भी कही है तथा छात्रों पर हुए मुकदमा को वापस करने की मांग रखी गई है। वहीं, अभ्यर्थियों के प्रदर्शन के बीच बीपीएससी के चेयरमैन परमार रवि मनुभाई को राज्यपाल ने तलब किया था। आयोग के चेयरमैन ने राज्यपाल से मुलाकात की। मीटिंग के बाद बीपीएससी के चेयरमैन राजभवन से निकले, लेकिन उन्होंने मीडिया के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया. कहा जा रहा है कि उन्होंने इस पूरे मामले पर राज्यपाल को परीक्षा से जुड़ी पूरी जानकारी दी है।