बिहार विधानमंडल में आज से दो दिवसीय अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का 85वां सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इस बार बिहार को दो दिवसीय सम्मेलन की मेजबानी मिली है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया है. इस मौके पर राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश समेत दूसरे राज्यों के विधानसभा विधान परिषद के अध्यक्ष-सभापति, उपाध्यक्ष-उप सभापति शिरकत कर रहे हैं. कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मौजूद नहीं रहे. हालांकि डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने पीठासीन पदाधिकारियों के सम्मेलन को संबोधित किया.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला जी यहां पर बैठे हैं. आप कोटा के सांसद हैं. सबसे बड़ा गौरव इसलिए है कि आपके यहां जो बच्चे पढ़ने जाते हैं, वह सबसे ज्यादा बिहारी होते हैं .बच्चे तो बिहारी होते ही हैं, शिक्षक भी सब बिहारी ही होते हैं. भारत के निर्माण में मजदूर के तौर पर भी और टॉप में भी बिहारी ही काम करते हैं.यानि टॉप टू बॉटम में बिहारी काम करते हैं . सम्राट चौधरी ने कहा कि सबसे बड़ी परीक्षा आईएएस-आईपीएस की होती है. उस परीक्षा में सबसे ज्यादा सफल बिहार और उत्तर प्रदेश के बच्चे ही होते हैं. बिहार में क्वालिटी है.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि यह धऱती शिक्षा और ज्ञान की धऱती रही है. तक्षशिला हो या नालंदा, ज्ञान का केंद्र रहा है. हमारे सदन ने कई अच्छी परंपराएं लागू की हैं. कई अच्छे कानून बनाये हैं. हमारा संविधान हमारा मार्गदर्शक है. इसीलिए पीठासीन अधिकारी के नाते हमलोग संविधान की भावनाओं के अनुरूप काम करते हैं. समय के अनुसार परिवर्तन हुआ है, तकनीक में परिवर्तन आया है. चुनौतियां भी बढ़ी हैं. चिंता है सदन की गरिमा की,यह चिंता गंभीर होती जा रही है. किस तरह से सदन की गरिमा बढ़ाएं, जिस अपेक्षा के साथ जनता जनप्रतिनिधियों को चुनकर भेजती है, उन अपेक्षाओं पर खरे उतरना है. हम किस तरह से वर्तमान चुनौतियों का सामना करते हुए सदन की गरिमा बढ़ायें, इस पर काम करना है. लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत करने का काम करना है.