भगवान महाकाल का दर्शन करने उज्जैन आने वाले श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी है. रोपवे प्रोजेक्ट को गति देने के लिए आज (शुक्रवार) प्रशासनिक संकुल भवन में बैठक हुई. बैठक में मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम के अविनाश लवानिया, कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड के सीईओ प्रकाश गौर मौजूद रहे. प्रकाश गौर ने बताया कि महाकाल रोपवे प्रोजेक्ट का काम अक्टूबर 2024 से शुरू हो जाएगा.
रोपवे प्रोजेक्ट को पूरा करने की अवधि अक्टूबर 2026 निर्धारित है. रेलवे स्टेशन से त्रिवेणी होते हुए गणेश कॉलोनी तक 1.76 किलोमीटर लंबा रोपवे बनेगा. रोपवे में 3 स्टेशन, 13 टावर और 48 केबिन स्थापित किए जाएंगे. प्रत्येक केबिन में लगभग 10 लोग बैठ सकेंगे.
श्रद्धालुओं को महाकालेश्वर मंदिर तक पहुंचने में लगने वाला समय घट जायेगा. रोपवे के जरिये 7 मिनट में श्रद्धालु रेलवे स्टेशन से महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेंगे. अधिकारी ने बताया कि रोपवे में मोनोकेबल डिटैचेबल गोंडोला टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा. इंटीग्रेटेड और वर्टिकल रेस्क्यू सिस्टम से लैस रोपवे की क्षमता लगभग एक घंटे में दो हजार यात्री प्रति दिशा होगी.
उज्जैन आने वाले महाकाल के भक्तों को बड़ी सौगात
गौरतलब है कि महाकाल रोपवे प्रोजेक्ट में नोडल विभाग मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम, कंसल्टेंसी एजेंसी नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड और निर्माण एजेंसी एमएसइंफ्रा लिमिटेड को बनाया गया है. एमपीआरडीसी के प्रबंधक लवानिया ने निर्माण एजेंसी एमएस इंफ्रा लिमिटेड को निर्धारित समय सीमा में गुणवत्तापूर्ण रोपवे प्रोजेक्ट का कार्य पूरा करने को कहा.
उन्होंने कहा कि आने वाली समस्याओं का आपसी समन्वय से त्वरित निराकरण किया जाए. रेलवे, नगर निगम, एमपीईबी, स्मार्ट सिटी यूटिलिटी शिफ्टिंग और आवश्यक अनुमति जारी करने का कार्य तेजी से हो. रोपवे प्रोजेक्ट से महाकालेश्वर मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को काफी फायदा पहुंचाने वाला है. वक्त की बचत के साथ श्रद्धालुओं को यातायात बाधित होने की समस्या से भी छुटकारा मिल जाएगा.