भागलपुर। देवोत्थान एकादशी के दिन मंगलवार को भगवान विष्णु क्षीरसागर में चार माह के विश्राम के बाद जग गए हैं। भगवान के जगने के साथ ही अब शादी-विवाह, मुंडन, जनेऊ, गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य शुरू हो गये हैं। सुबह से ही बूढ़ानाथ मंदिर, शिवशक्ति मंदिर, बाबा कुपेश्वरनाथ मंदिर, जगन्नाथ मंदिर आदि जगहों पर श्रद्धालुओं के द्वारा पूजा-अर्चना की गयी।
मुंदीचक में सक्षम पाठक व रोहन मिश्रा और भीखनपुर में सोहन पाठक के घर में संध्या के समय संकट मोचन दरबार के पंडित चंद्रशेखर झा ने तुलसी विवाह कराया। तिलकामांझी स्थित महावीर मंदिर के पंडित आनंद झा ने बताया कि स्कंद पुराण और महाभारत में भी देवउठानी एकादशी का वर्णन है। इसके अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को एकादशी व्रत के महत्व के बारे में बताया था। मान्यता है कि यह व्रत पापों से मुक्ति दिलाने वाला और सभी मनोकामनाओं को पूरा करने वाला है। इस दिन से कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी विवाह का भी आयोजन किया जाता है। पंडित अक्षय झा ने बताया कि देवोत्थान एकादशी के साथ शुभ कार्य शुरू हो गये हैं। इस बाद विवाह का मुहूर्त 17 नवंबर से शुरू हो रहा है।