बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (Mangal pandey) ने कहा कि 04 मार्च को राज्य के चिन्हित 14 जिलों में कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा, साथ ही सात मार्च को मॉप-अप दिवस के रूप में आयोजित किया जाएगा। पांडेय ने सोमवार को कहा कि राज्य के बच्चों एवं किशोरों को कृमि संक्रमण से बचाने के लिए हर वर्ष राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष यह दिवस चार मार्च को मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अंतर्गत 14 जिलों के एक से लेकर 19 वर्ष तक के बच्चों एवं किशोरों के बीच निर्धारित खुराक के अनुसार कृमि से मुक्ति की दवा यानी अल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी।
इस दिवस को चिन्हित जिलों के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों, सभी विद्यालयों (सरकारी एवं निजी), तकनीकी संस्थानों, केंद्रीय एवं नवोदय विद्यालय में आयोजित किया जाएगा। जिन 14 जिलों में इस दिवस का आयोजन होगा उनमें पटना, अररिया, भोजपुर, बक्सर, किशनगंज, दरभंगा, लखीसराय, नवादा, नालंदा, मधेपुरा, मधुबनी, पूर्णिया, रोहतास एवं समस्तीपुर जिले शामिल हैं। पांडेय ने कहा कि बच्चों में व्यक्तिगत अस्वच्छता तथा संक्रमित दूषित मिट्टी के संपर्क में आने से कृमि संक्रमण होता है। कृमि संक्रमण से बच्चों के पोषण स्तर एवं हीमोग्लोबिन स्तर पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इससे बच्चों का शारीरिक एवं बौद्धिक विकास बाधित होता है। भारत सरकार के दिशा निर्देशानुसार एक से 19 वर्ष तक के बच्चों एवं किशोरों को कृमि मुक्त करने के लिए राज्य में वर्ष में दो बार कृमि मुक्ति अभियान चलाया जाता है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन को लेकर निदेशक प्राथमिक शिक्षा, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक, निदेशक मध्याहन योजना एवं प्राइवेट स्कूल चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन पटना सहित संबंधित विभागों के निदेशकों को जरूरी निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। कृमि मुक्ति की दवा स्वास्थ्य कर्मी लक्षित बच्चों एवं किशोरों को अपने सामने सेवन कराना सुनिश्चित करेंगे।
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