डीजीपी आलोक राज ने जेलों पर कसा नकेल, पटना के बेउर सहित राज्य की कई जेलों पर छापा

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बिहार में अपराध की घटनाओं पर नियंत्रण को लेकर राज्य के जेलों में बंद कैदियों की अवैध गतिविधियों पर नकेल कसने की बड़ी तैयारी की गई है. बिहार पुलिस द्वारा गुरुवार को एक साथ राज्य के कई जेलों में छापेमारी की गई है. राज्य के सबसे बड़े कारागार बेउर जेल सहित पटना के सभी जेलों में एक साथ जिला प्रशासन ने छापेमारी की. पटना के बेऊर जेल, मसौढ़ी, फुलवारी, दानापुर, पटना सिटी सहित कई अन्य जेलों में एक साथ छापेमारी हुई है.

बिहार की जेलों से अपराध की घटनाओं को अंजाम देने वाले दुर्दांत अपराधियों पर बड़ी कार्रवाई कि तैयारी की गई है. इसी क्रम में गृह विभाग के आदेश पर यह छापेमारी चल रही है. इसमें सभी जेलों के सेल को खंगाल जा रहा है. इस दौरान जेल में मजिस्ट्रेट सहित भारी संख्या में पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है.

न सिर्फ पटना बल्कि पूर्णिया, मोतिहारी, कटिहार, मुजफ्फरपुर आदि जिलों के जेलों में भी छापेमारी की गई है. इस दौरान कुछ जेलों से कई प्रकार कि आपत्तिजनक सामग्री मिलने कि खबर है. वहीं जेलों में हुई इस छापेमारी से कैदियों में हड़कंप मच गया है. जेलों में बंद होने के बाद भी अपने गुर्गों के सहारे अपराध कि घटनाओं को अंजाम देने वाले बदमाशों पर विशेष नजर रखी जा रही है. वहीं राज्य के अलग अलग जेलों में किसी प्रकार कि अवैध गतिविधि न हो इसके लिए खास योजना के तहत इस राज्य स्त्तरीय जेल छापेमारी को देखा जा रहा है.

न सिर्फ पटना बल्कि पूर्णिया, मोतिहारी, कटिहार, मुजफ्फरपुर आदि जिलों के जेलों में भी छापेमारी की गई है. इस दौरान कुछ जेलों से कई प्रकार कि आपत्तिजनक सामग्री मिलने कि खबर है. वहीं जेलों में हुई इस छापेमारी से कैदियों में हड़कंप मच गया है. जेलों में बंद होने के बाद भी अपने गुर्गों के सहारे अपराध कि घटनाओं को अंजाम देने वाले बदमाशों पर विशेष नजर रखी जा रही है. वहीं राज्य के अलग अलग जेलों में किसी प्रकार कि अवैध गतिविधि न हो इसके लिए खास योजना के तहत इस राज्य स्त्तरीय जेल छापेमारी को देखा जा रहा है.

दरअसल, बिहार पुलिस के डीजीपी बनने के बाद से अलोक राज पूरे एक्शन में दिख रहे हैं. डीजीपी बनने के बाद पहले बड़े स्तर पर राज्य के कई जिलों के एसपी को बदलने, 10 दिनों में 71 आईपीएस अधिकारियों का तबादला सहित क्राइम कंट्रोल को लेकर महत्वपूर्ण बैठकों के बाद अब जेलों में बंद अपराधियों की संदिग्ध गतिविधियों पर नियंत्रण को लेकर जेलों में हुई इस छापेमारी को देखा जा रहा है. पटना सहित राज्य कि सभी प्रमुख जेलों में एक साथ छापेमारी को इस दिशा में एक बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है.