बिहार के डीजीपी आरएस भट्टी ने बड़ा एलान किया है। भट्टी ने यह निर्णय लिया है कि, अब तक जो शहीद हुए पुलिसकर्मियों को विभाग की तरफ से दो लाख की राशि दी जाती थी, अब इस राशि को बढ़ाकर 25 लाख कर दिया जाएगा। डीजीपी ने बताया कि हमारी कोशिश होगी यह सहायता राशि जल्द से जल्द शहीद के परिवार को उपलब्ध हो।
यह निर्णय पुलिस कर्मियों के कल्याण के लिए लिए गए हैं। इसको लेकर शहीद पुलिसकर्मी के सैलरी बैंक अकाउंट को लेकर भी एक एग्रीमेंट किया जा रहा है। जिसमें शहीद के परिवार को अलग से सहायता राशि प्रदान करने के लिए आनेवाले समय में इस्तेमाल किया जाएगा।
दरअसल, बिहार के डीजीपी आरएस भट्टी ने राष्ट्रीय पुलिस स्मरण दिवस पर पटना पुलिस मुख्यालय द्वारा ड्यूटी के दौरान शहीद हुए पुलिस जवानों को याद किया गया। इस दौरान बिहार के शहीद हुए आठ पुलिसकर्मियों और देश भर में वीरगति को प्राप्त 188 पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी गई। उसके बाद डीजीपी ने कई बड़े फैसले लिए। डीजीपी ने कहा कि – शहीद हुए पुलिसकर्मियों को विभाग की तरफ से दो लाख की राशि दी जाती थी, अब इस राशि को बढ़ाकर 25 लाख करने का फैसला लिया गया है। इससे उन्हें काफी हद तक सहायता मिलेगी।
इसके आगे पुलिसकर्मियों को संबोधित करते हुए डीजीपी ने कहा कि – आपकी जो भी परेशानी होगी, उसे दूर करने के लिए प्रयास किया जा रहा है। प्रमोशन के लिए भी कई कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बिहार में पुलिस बल की संख्या दोगुनी हो गई है। ऐसे में सभी पुलिसकर्मियों को आवास की समस्या भी आ रही है। हमलोगों की कोशिश है कि सभी पुलिसकर्मियों को आवास सुविधा मिल सके। ताकि वह अपने परिवार के साथ रह सकें।
आपको बताते चलें कि ,प्रत्येक वर्ष 21 अक्टूबर को पुलिस स्मरण दिवस मनाया जाता है। इसका पीछे की वजह है कि 21 अक्टूबर 1959 में भारत चीन सीमा पर लद्दाख की बर्फीली ऊंचाइयों पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक टोकरी पर चीनी आक्रमणकारियों द्वारा किए गए हमले में 10 बहादुर जवान अंतिम सांस तक लड़ते रहे और शहीद हो गए। उसके बाद 1961 में पुलिस महानिरीक्षकों के सम्मेलन में यह निर्णय लिया गया कि प्रतिवर्ष 21 अक्टूबर को पुलिस स्मरण दिवस पूरे देश में मनाया जाएगा तभी से यह परंपरा चली आ रही है।