कच्छ का धोरडो गांव बना दुनिया का श्रेष्ठ पर्यटन गांव, संयुक्त राष्ट्र ने दिया खिताब से नवाजा
कच्छ की हस्तकला से तैयार चनिया-चोली पहनकर युवतियां नवरात्र पर्व पर गरबा का उत्सव मना रही हैं। उसी कला और संस्कृति के बूते कच्छ के धोरडो गांव को दुनिया का सबसे बेहतरीन पर्यटन गांव होने का संयुक्त राष्ट्र का खिताब मिला है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस गांव से जुड़े अपने फोटो इंटरनेट मीडिया पर शेयर कर बधाई देने के साथ कला व संस्कृति के प्रति इस गांव के लोगों के समर्पण की तारीफ भी की है।
गुजरात की सामाजिक, सांस्कृतिक, प्राकृतिक व आर्थिक लोकव्यवहार की परंपरा की छटा बिखेरने वाले कच्छ और भुज जिले के धोरडो गांव को संयुक्त राष्ट्र के विश्व पर्यटन संगठन दुनिया के 54 श्रेष्ठ पर्यटन गांवों के साथ चुना गया है। कच्छ रणोत्सव के जरिये धोरडो की सभ्यता, संस्कृति, लोकजीवन और आर्थिक उपार्जन की उनकी जीवन शैली दुनिया के सामने आई।
तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी ने कच्छ रणोत्सव की शुरुआत की
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते साल 2006 से कच्छ रणोत्सव की शुरुआत की थी। देश व दुनिया के सामने कच्छ के सफेद रण में धोरडो की कला, संस्कृति, प्राकृतिक सौंदर्य व पर्यटन स्थल को दुनिया के समने लाना मोदी का विजन था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कच्छ के धोरडो को समृद्ध सांस्कृतिक विरासत बताते हुए अपने इंटरनेट मीडिया अकाउंट पर लिखा है कि यहां प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक उत्सव मनाया जाता है। यह भारत के पर्यटन की क्षमता के साथ कच्छ के लोगों के समर्पण भाव व जीवटता को दर्शाता है। धोरडो सतत चमकता रहे।
उज्बेकिस्तान के समरकंद में हुई बैठक
मोदी ने वर्ष 2006 से 2015 के बीच के गांव से जुड़े अपने छायाचित्र भी साझा किए। उज्बेकिस्तान के समरकंद में 16 से 20 अक्टूबर तक हुई यूएन डब्ल्यूटीओ की आम सभा को श्रेष्ठ पर्यटन गांव के लिए 260 आवेदन मिले। इनमें से 54 गांवों को इसके लिए चुना गया। यह खिताब पाने वाला धोरडो भारत का एकमात्र गांव है।
2021 से पर्यटन गांवों के चयन की शुरुआत
यूएन डब्ल्यूटीओ ने वर्ष 2021 से पर्यटन गांवों के चयन की शुरुआत की। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गुजरात के पर्यटन मंत्री मुलुभाई वेरा ने धोरडो के वर्ल्ड बेस्ट टूरिज्म विलेज घोषित होने पर खुशी जताते हुए इसका पूरा श्रेय पीएम मोदी की दूरदर्शिता और परिश्रम को दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कच्छ के धोरडो को दुनिया के नक्शे में एक श्रेष्ठ स्थान मिला। ऐसे गांवों का चयन प्राकृतिक, सांस्कृतिक संसाधन, गांव के टिकाऊ आर्थिक माडल, सामाजिक एवं पर्यावरण स्थिरता, सांस्कृतिक विविधता, स्थानीय मूल्यों एवं पारंपरिक खानपान के संवर्धन व संरक्षण के लिए किया जाता है।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.