पांच बार फेल होने के बाद भी नहीं मानी हार, ऐसा चढ़ा पागलपन की आकाश गर्ग ने UPSC में लहराया परचम
आकाश गर्ग उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के रहने वाले हैं. उनकी स्कूलिंग भी मेरठ से हुई है. 12वीं के बाद उन्होंने आईआईटी रुड़की से सिविल इंजीनियरिंग में साल 2016 बीटेक किया. सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन करते समय ही उन्हें प्राइवेट सेक्टर में उन्हें जॉब के काफी सीमित अवसर दिखे. जिसके चलते उन्होंने बीटेक फाइनल ईयर में ही यूपीएससी की तैयारी का मन बना लिया. आकाश गर्ग ने यूपीएससी की तैयारी शुरू की और फिर एक के बाद एक छह बार एग्जाम दिए. एक के बाद एक मिलती असफलताओं के बाद भी वह डटे रहे.
इस सफर में वह कई बार निराश हुए. लेकिन फिर से कमर कसकर खड़े हुए. आखिरकार उन्होंने अपने छठवें और आखिर प्रयास में यूपीएससी क्रैक किया. उन्होंने यूपीएससी 2022 परीक्षा ऑल इंडिया 338 रैंक से हासिल की. आकाश गर्ग ने कुल चार बार यूपीएससी प्रीलिम्स क्वॉलिफाई किया. लेकिन मेन्स में उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. हालांकि उन्होंने अपने आखिरी प्रयास में मेन्स और इंटरव्यू दोनों क्रैक किया. आकाश गर्ग को भारतीय रक्षा संपदा सेवा (IEDES) अधिकारी के रूप में चुना गया है.
आकाश गर्ग ने यूपीएससी मेन्स में ऑप्शनल सब्जेक्ट के तौर पर मैथमेटिक्स रखा था. इस सब्जेक्ट के साथ उन्होंने लंबा संघर्ष किया. लेकिन आखिरी प्रयास तक काफी सुधार कर लिया. आकाश ने यूपीएससी की तैयारी में शारीरिक स्वास्थ्य का भी पूरा ख्याल रखा. जिसमें सुबह जिम जाना शामिल था. उन्होंन तैयारी के दौरान डिसिप्लिन और डेली रूटीन के महत्व पर काफी जोर दिया.
आकाश गर्ग ने यूपीएससी मेन्स में ऑप्शनल सब्जेक्ट के तौर पर मैथमेटिक्स रखा था. इस सब्जेक्ट के साथ उन्होंने लंबा संघर्ष किया. लेकिन आखिरी प्रयास तक काफी सुधार कर लिया. आकाश ने यूपीएससी की तैयारी में शारीरिक स्वास्थ्य का भी पूरा ख्याल रखा. जिसमें सुबह जिम जाना शामिल था. उन्होंन तैयारी के दौरान डिसिप्लिन और डेली रूटीन के महत्व पर काफी जोर दिया.
यूपीएससी की तैयारी करने वालों के सामने अक्सर प्लान बी का सवाल उठता है. कई एस्पिरेंट्स प्लान बी के बारे में सोचते तक नहीं. लेकिन आकाश गर्ग के साथ ऐसा नहीं था. आकाश बताते हैं कि शुरुआत में अति आत्मविश्वास के चलते उन्होंने प्लान बी के बारे में नहीं सोचा था. लेकिन फिर इसके महत्व को स्वीकार कर लिया. यूपीएससी की तैयारी करने वालों को वह प्लान बी के बारे में सोचने की सलाह देते हैं.
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