दीपांकर भट्टाचार्य ने नीतीश की प्रगति यात्रा को बताया ”दमन यात्रा”, सरकार से पूछे तीखे सवाल

CM Nitish KumarCM Nitish Kumar

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा माले) महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने आरोप लगााया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा दमन यात्रा है। भट्टाचार्य ने रविवार को नागरिक समाज और विभिन्न आंदोलनकारी ताकतों की ओर से आयोजित ‘बदलो बिहार समागम’ को संबोधित करते हुए कहा कि नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा दरअसल दमन यात्रा है।

भट्टाचार्य ने कहा कि कोई मुख्यमंत्री को ज्ञापन न दे सके, उन तक पहंच न सके इसके लिए चरम दमन किया जा रहा है। एक ओर बिहार को बदल देने का संघर्ष है, दूसरी ओर किसी तरह सत्ता बचाने का दमन अभियान है। उन्होंने कहा कि बदलो बिहार समागम में आज अलग-अलग मुद्दे पर आंदोलित ताकतें एकजुट हुई हैं, लेकिन सुरक्षा और सम्मान के साथ जीने का एजेंडा सबका है। सबलोग बिहार में बदलाव चाहते हैं, लेकिन असल सवाल यह है कि किस दिशा में यह बदलाव होगा? कुछ लोग कहते हैं कि 35 सालों में बिहार बरबाद हो गया, तो क्या 90 के पहले बिहार बहुत अच्छा था? क्या वे बिहार को उसी सामंती दौर में ले जाना चाहते हैं? नहीं, बिहार आगे बढ़ेगा पीछे नहीं लौटेगा।

भट्टाचार्य ने कहा कि नीतीश कुमार जब सत्ता में आए अच्छे नारे लेकर आए, लेकिन सवाल अब यह है कि न्याय और विकास का आज हाल क्या है? सरकार ने जो सामाजिक-आर्थिक सर्व कराया उसने बताया कि 20 साल में गरीबी का चरम विकास हुआ है। 94 लाख परिवार 6000 रूपये से कम मासिक पर जिंदा है। यह कैसा विकास है? केरल में रसोइयों को 12000 रूपया मासिक मिलता है, तमिलनाडु में 10000 रूपया, लेकिन बिहार में महज 1650 रूपया मिलता है, यह कैसा न्याय है। बहुत सारी लड़ाइयां चल रही हैं लेकिन पहली जरूरत इस सरकार को सत्ता से बेदखल करना होगा। अपने वाजिब सवालों को लेकर लंबी लड़ाई लड़नी है। यदि जनता की कोई बात सुनी नहीं जाएगी, उनके दुख दर्द को नहीं सुना जाएगा तो ऐसी लाठी-गोली की सरकार और तानाशाही को बिहार बर्दाश्त नहीं करेगा। समागम को विभिन्न आंदोलनकारी ताकतों एवं नागरिक समाज के प्रतिनिधियों ने भी संबोधित किया और बिहार में बदलाव का संकल्प लिया।

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