बोर्ड की परीक्षाएं शुरु होने वाली हैं और इससे पहले PM Narendra Modi आज देश भर के छात्रों के साथ ‘परीक्षा पे चर्चा’ कर रहे हैं। इस साल ‘परीक्षा पे चर्चा’ का कार्यक्रम शुरू हो चुका है, इसका आयोजन दिल्ली के भारत मंडपम में हो रहा है। बता दें कि पीएम मोदी(PM Modi) द्वारा साल 2018 से ‘परीक्षा पे चर्चा’ प्रोग्राम की शुरुआत की गई थी। परीक्षा पर होने वाली यह चर्चा अब देश ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के स्टूडेंट्स के बीच भी लोकप्रिय हो रही है।
सवाल: स्पेशल करियर चयन की दुविधा कैसे दूर करें?
पीएम मोदी: कंफ्यूजन सबसे बुरी स्थिति होती है। हमें अनिश्चितता से भी बचना चाहिए, निर्णय करने से पहले उसके सभी पहलुओं को भांप लें। किसी भी हालत में हमें निर्णायक होना ही चाहिए। निर्णायक होने के बाद कंफ्यूजन की स्थिति ही नहीं होगी। हमें आदत डालने चाहिए कि हम निर्णायक बनें। निर्णय लेने से पहले उसके प्लस मानस जरूर देखें।
सवाल: परीक्षा की तैयारी और स्वास्थ्य का संतुलन कैसे बनाएं?
पीएम मोदी: जीवन को थोड़ा संतुलित बनाना पड़ता है। स्वस्थ्य शरीर, स्वस्थ्य मन के लिए जरूरी। सनलाइट में भी पढ़ने की आदत डालें, स्वस्थ्य शरीर के लिए धूप जरूरी। कम नींद हेल्दी स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं होती, अपनी नींद की रिक्वायरमेंट पूरी करें। नींद जितनी गहरी लेंगे स्वास्थ्य उतनी ही अच्छा होगा। स्टूडेंट्स के अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छी डाइट भी बेहद जरूरी, साथ ही एक्सरसाज भी जरूरी। कुछ न कुछ डेडीकेटेड फिजिकल एक्टिविटी जरूरी।
सवाल- परीक्षा के दौरान घबराहट और तनाव से कैसे बचा जाए?
पीएम मोदी: माता पिता के अति उत्साह से कुथ गलतियां होती हैं। परीक्षा हॉल में थोड़ा पहले पहुंचे। परीक्षा हॉल में अंदर पहुंचकर थोड़ा समय हंसी मजाक से बिताइए। परीक्षा केंद्र में बिना वजह ध्यान न भटकाएं। सबसे पहले एक बार पूरा प्रश्न पत्र पढ़ लीजिए और फिर तय अपने हिसाब से सॉल्व करिए। एग्जाम का सबसे बड़ा चैलेंज लिखना, छात्र लिखने की आदत न छोड़ें। छात्र लिखने की प्रैक्टिस न छोड़ें।
लिखकर याद करने की आदत डालेः पीएम मोदी
भारत मंडपम में ‘परीक्षा पे चर्चा‘ में मोदी जी ने कहा कि ‘लिखने की आदत डालें। पहले पठन पाठन करें। फिर उसे लिखकर याद करें। पीमए मोदी ने कहा कि ‘ये प्रश्न तो मुझे आता है, लेकिन जब परीक्षा में लिखते हैं तो लगता है कि आ ही नहीं रहा है, लेकिन लिखकर याद करने से उत्तर नहीं भूलते हैं।’
पीएम मोदी ने कहा कि लिखना चैलेंज है। लिखने की प्रैक्टिस कीजिए। एग्जाम हॉल में बैठने पर लिखने का प्रेशर लगेगा ही नहीं, वैसे ही जैसे तैरना आने पर पानी में जाने का डर नहीं लगता।
सवाल- शिक्षक बच्चों को तनाव मुक्त कैसे करें, मोटिवेट कैसे करें?
शिक्षक और स्टूडेंट का नाता केवल परीक्षा का नहीं हो। टीचर- स्टूडेंट का नाता हमेशा मजबूत होना चाहिए। टीचर का शुरुआत लेकर से परीक्षा तक स्टूडेंट से नाता बढ़ता रहना चाहिए। अगर ऐसा होता है तो तनाव की नौबत ही नहीं आएगी शायद: पीएम मोदी
‘दबाव को संभालना सिर्फ विद्यार्थी का काम नहीं’
पीएम मोदी ने कहा कि इच्छाशक्ति से हम दबाव के बावजूद सफलता हासिल कर सकते हैं…हमें दबाव से निपटने की कला को जल्दबाजी में नहीं, बल्कि धीरे-धीरे लागू करना चाहिए। दबाव को संभालना सिर्फ विद्यार्थी का काम नहीं है; इस प्रक्रिया को आसान बनाने की जिम्मेदारी घर पर शिक्षकों और अभिभावकों पर भी है।
‘परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम मेरी भी परीक्षा’
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पीपीसी 2024 से पहले भारत मंडपम में एक प्रदर्शनी का निरीक्षण किया। प्रधान मंत्री ने ऐसी शानदार प्रदर्शनी बनाने के लिए छात्रों और शिक्षकों को बधाई दी। पीएम मोदी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम मेरी भी परीक्षा होती है।
2 करोड़ से ज्यादा स्टूडेंट्स ने कराया रजिस्ट्रेशन
‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम दिल्ली के भारत मंडपम में शुरू हो गया है। इस वर्ष पीएम मोदी के साथ इस चर्चा में भाग लेने के लिए 2 करोड़ से ज्यादा स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इस वर्ष परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम की सभी विश्वविद्यलयों में लाइव स्ट्रीमिंग भी की जाएगी।
हर साल बढ़ रही लोकप्रियता
बता दें कि पीएम मोदी का छात्रों के साथ ‘परीक्षा पे चर्चा’ का यह सातवां संस्करण है। इसकी शुरूत उन्होंने वर्ष 2018 से की थी, जिसके बाद हर साल यह कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। परीक्षा पे चर्चा की लोकप्रियता अब हर साल बढ़ रही है, जिसका अंदाजा इसके लिए कराए गए करोड़ों की संख्या में रजिस्ट्रेशन्स से लगाया जा सकता है।