श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने शुक्रवार (23, अगस्त) को “भारत में महिला कार्यबल भागीदारी में सुधार” पर टास्क फोर्स की 7वीं बैठक बुलाई। बैठक की अध्यक्षता श्रम एवं रोजगार मंत्रालय (एलएंडई) की सचिव सुमिता डावरा ने की। इस दौरान केयर इकोनॉमी को कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए सक्षम क्षेत्र के रूप में पहचाना गया। महिला कार्यबल भागीदारी बढ़ाने के लिए उद्योग संघ वेबिनार और कार्यशालाओं की श्रृंखला आयोजित करेंगे। चर्चाओं में विनिर्माण, घरेलू काम, ई-कॉमर्स, सेवाओं, एमएसएमई आदि में कार्यरत महिलाओं को शामिल किया गया।
श्रम और रोजगार मंत्रालय ने एक बयान जारी कर इसके बारे में बताया। बैठक में भारत में महिला कार्यबल भागीदारी की वर्तमान स्थिति पर चर्चा करने, प्रमुख चुनौतियों को पहचान कर सुधार के लिए संभावित रणनीतियों की खोज करने के लिए एक मंच उपलब्ध कराया गया। उल्लेखनीय चर्चाओं में, टास्क फोर्स ने देखभाल अर्थव्यवस्था को एक ऐसे क्षेत्र के रूप में पहचाना जिसमें महिला कार्यबल भागीदारी बढ़ाने की महत्वपूर्ण संभावना है। महिलाओं के लिए सभ्य नौकरियों का समर्थन करने के लिए एक क्षेत्रीय दृष्टिकोण अपनाने पर भी विचार-विमर्श किया गया।
टास्क फोर्स ने उद्योग संघों से आग्रह किया कि वे आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए जागरूकता पैदा करने और नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए वेबिनार और कार्यशालाओं की श्रृंखला आयोजित करें। सीआईआई ने महिला कार्यबल भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से नियोक्ताओं द्वारा अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं का एक संग्रह भी प्रस्तुत किया।
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की सचिव ने कार्यबल में महिलाओं की अपरिहार्य भूमिका को अपने शुरुआती वक्तव्य में रेखांकित किया तथा इस बात पर प्रकाश डाला कि उनकी भागीदारी से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलता है तथा उद्योगों में कार्यस्थल विविधता भी समृद्ध होती है। उन्होंने टास्क फोर्स को ऐसे हस्तक्षेपों की संस्तुति करने में व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया, जिन्हें सरकार और निजी क्षेत्र दोनों ही कार्यबल में शामिल होने के लिए महिलाओं के समर्थन में लागू कर सकते हैं।
टास्क फोर्स द्वारा चर्चा की गई प्रमुख रणनीतियाँ गतिशीलता बढ़ाने और सार्वजनिक परिवहन में सुधार, रोजगार क्षमता में वृद्धि, संचार अभियान, स्वरोजगार वाली महिलाओं और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य लाभ के संबंध में सहायता, आदि से संबंधित थीं।
बैठक के दौरान चर्चा की गई रणनीतियों से कार्यबल में महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों पर काबू पाने और सभी क्षेत्रों में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है।