पूर्व केंद्रीय मंत्री और चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस से राजनीतिक करीयर पर खतरा मंडराता जा रहा है. पहले NDA की सीट शेयरिंग में उन्हें सीट नहीं मिली और अब पटना में उनका ऑफिस उनसे छिन गया है. दरअसल पटना के व्हीलर रोड पर उनके पार्टी का सरकारी कार्यालय बना हुआ था, उन्हें खाली करना पड़ा है.
जब पार्टी टूट गई तो चिराग पासवान को उस कार्यालय से बेदखल कर अपना कब्जा जमाए रखा. यह बंगला पशुपति कुमार पारस के नाम पर ही आवंटित था. इस बंगले को लेकर चाचा और भतीजे में काफी समय तक विवाद भी चला लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद जब चिराग पासवान के सांसद और केंद्र मंत्री बनने के बाद बिहार की एनडीए सरकार ने इस बंगले का आवंटन पशुपति कुमार पारस के लिए रद्द करते हुए इसे चिराग पासवान की पार्टी को दे किया.
हालांकि सरकार के इस आदेश को पशुपति पारस की पार्टी ने स्वीकारा नहीं और ये मामला कोर्ट तक जा पहुंचा. पटना हाई कोर्ट में सुनवाई में पशुपति पारस के खेमे को राहत नहीं मिली. कोर्ट के आदेश के बाद पशुपति पारस को बंगला खाली करना पड़ा.