इस साल धनतेरस का त्यौहार 10 नवंबर को मनाया जाएगा। धनतेरस के दिन से ही पांच दिवसीय दीपावली पर्व की शुरुआत हो जाती है। पहले दिन धनतेरस का त्योहार उसके बाद नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा और आखिर में भैया दूज का त्यौहार मनाया जाता है। धनतेरस के दिन कुबेर जी, भगवान धन्वंतरि और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है। धनतेरस के दिन बाजार से कुछ न कुछ खरीदकर लाने की परंपरा है। विशेषकर सोने या चांदी की चीजें खरीदने का महत्व है। बहुत से लोग लक्ष्मी-गणेश जी बने हुए सोने-चांदी के सिक्के खरीदते हैं, जो कि बहुत ही शुभ माने जाते हैं, लेकिन जो लोग ये नहीं खरीद सकते, वो स्टील, पीतल या तांबे आदि का बर्तन खरीद सकते हैं।
धनतेरस में खरीददारी का महत्व
इस दिन धातु की चीजें खरीदना बड़ा ही शुभ फलदायी माना जाता है। धनतेरस के दिन कोई न कोई धातु की चीज खरीदकर घर अवश्य लानी चाहिए। कहते हैं धनतेरस के दिन जो कुछ भी खरीदा जाए, उससे घर की सुख-समृद्धि में चार चांद लग जाते हैं। धनतेरस के दिन घर में किसी चीज का आगमन पूरे साल भर की खुशियों के आगमन के समान है। धनतेरस के दिन जो कुछ भी खरीदा जाए चाहें वो सोने-चांदी का सिक्का हो या कोई बर्तन या अन्य कोई चीज, उसका दिवाली के दिन तक इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। दिवाली पूजा के समय उसे देवी मां के सामने रखकर, उसकी पूजा करनी चाहिए और बाद में उसे उपयोग में लेना चाहिए।
धनतेरस 2023 की खरीदादरी के लिए शुभ मुहूर्त
कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का त्यौहार मनाने का विधान है। 10 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 36 मिनट तक द्वादशी तिथि रहेगी, उसके बाद त्रयोदशी तिथि लग जाएगी जोकि 11 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 58 मिनट तक रहेगी। जो लोग धनतेरस की खरीदारी आज करना चाहते हैं उनके लिए 10 नवंबर को शाम 5 बजकर 5 मिनट तक विष्कुम्भ योग रहेगा। इस योग में कोई शुभ काम करना अच्छा नहीं माना जाता। लिहाजा आज शाम 5 बजकर 5 मिनट के बाद ही खरीदारी करना शुभ रहेगा और जो लोग 11 के दिन धनतेरस की खरीदारी करना चाहते हैं वे शनिवार दोपहर 1 बजकर 58 मिनट से पहले कर लें, क्योंकि इसके बाद त्रयोदशी तिथि समाप्त हो जाएगी।