मेहनत जरूर करे। इसमें बिल्कुल न हिचके। मेहनत से पीछे मत हटिए। मेहनत करने पर कामयाबी जरूर मिलेगी। आगे बढ़ने का यही एक जरिया है। मेरा जीवन संघर्षमय रहा। खाली पैर स्कूल जाती थी। कभी-कभी भर पेट खाना भी नहीं मिलता था। दुख इस बात का है कि मेरी मां मुझे एक IPS के रूप में नहीं देख सकी। खैर, आज वो जहां कही होगी। मुझे देख बहुत खुश होगी।
यह कहना है सिपाही से IPS बनी एमेल्डा एक्का का। मौका था झारखंड के खूंटी जिले के नेताजी सुभाषचंद्र बोस आवासीय विद्यालय में आयोजित तीरंदाजी प्रशिक्षु बच्चों से मुलाकात का। तीरंदाजी की ट्रेनिंग ले रहे अनाथ और दिव्यांग प्रशिक्षुओं से मिलने IPS एक्का पहुंची थी।
उन्होंने अपने बीते कठिन डगर और अनुभवों को साझा करते हुए बच्चों से कहा जीवन में अनुशासन और रेगुलर प्रेक्टिस बेहद जरूरी है। यही कामयाबी की असली कुंजी भी है। एथलीट रही IPS एक्का ने इस बात पर सुकून जताया कि ट्रेनिंग ले रहे बच्चों में मानव तस्करी के शिकार और नक्सलवाद की गोद में पले-बड़े बच्चे भी शामिल है। बच्चों द्वारा बनाई गई सोहरई पेंटिंग उन्हें भेंट की गई।