भागलपुर का कतरनी अपने आप में बेहद खास है. लेकिन लोगों को अब तक इसकी पहचान नहीं है. आपको बता दें कि कतरनी, सोनम व मालभोग तीनों चूड़ा देखने में एक समान लगते हैं. इसमें कोई अंतर देखने को नहीं मिलता है. लोग जब इनको खरीदने जाते हैं, तो इसमें कंफ्यूजन हो जाता है. लेकिन इसमें कंफ्यूज होने की बिल्कुल जरूरत नहीं है. आप इस खबर को पढ़कर आसानी से कतरनी, सोनम व मालभोगचूड़ा में अंतर पहचान कर सकते हैं।
जानिए तीनों चूड़ा में क्या है फर्क
तीनों चूड़ा में अंतर जानने के लिए जब कतरनी चूड़ा के जानकार सुबोध मंडल से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि आपको ऐसे देखने से पहचान नहीं मिलेगी. जब भी आप चूड़ा की दुकान पर जाते हैं, तो एक लाइन से यह चूड़ा लगा होता है. लेकिन जब इसको आप हाथ में उठाते हैं, तो सोनम चूड़ा थोड़ा सा कड़ा लगता है, यानि इसमें लाइट नहीं होता है. वहीं अगर मालभोग चूड़े की बात करें, तो वह काफी मुलायम होता है. साथ ही कतरनी चूड़ा का दाना छोटा और सुगंधित होता है. अगर सुबोध मंडल की मानें, तो कतरनी का अगर हरा चूड़ा खाने को मिल जाए, तो सोने पर सुहागा है. दरअसल यह चूड़ा खाने में काफी मीठा लगता है, इसलिए इसकी डिमांड भी अधिक होती है।
खाने में यह है अंतर
जिले में अभी दो तरह के कतरनी चूड़ा, एक जैविक तो दूसरा रासायनिक खाद से तैयार धान का चूड़ा देखने को मिल रहा है. दोनों के दाम में जमीन-आसमान का अंतर है. वहीं सुबोध मंडल की मानें, तो अगर आपको छूने से या देखने से पता नहीं चलता है, तो एक तरफ से उसके दाने को अपने मुंह में ले. सोनम चूरा खाने में कड़ा लगता है, वहीं कतरनी चूड़ा खाने में काफी मुलायम लगता है और उसमें मिठास होती है, मालभोग चुरा को जब आप खाएंगे, तो वह तुरंत पूरी तरह से आपके मुंह में घुल जाएगा. आप इस तरीके से भी इसकी पहचान कर पाएंगे. हालांकि कतरनी की खुशबू ही अपनी पहचान बिखेरती है।