केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सोमवार को नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, महत्वाकांक्षी जम्मू-कश्मीर @2047 परिकल्पना प्रस्तुत की, और इसे विजन इंडिया @2047 का एक अभिन्न अंग बताते हुए कहा, “डबल इंजन सरकार जम्मू-कश्मीर @2047 परिकल्पना को आगे बढ़ाएगी।” डॉ. जितेंद्र सिंह ने आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के बारे में बोलते हुए, इसे एक ऐतिहासिक विकास बताया। उन्होंने कहा कि एक दशक में पहली बार, जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होंगे – जो क्षेत्र की जीवंत लोकतांत्रिक आकांक्षाओं की वास्तविकता है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने याद दिलाया कि 26 मई, 2014 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कार्यकाल शुरू होने के बाद से राष्ट्रीय स्तर पर कई क्रांतिकारी कदम उठाए गए हैं, जिनका क्षेत्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि प्रधानमंत्री मोदी ने प्रभावी ढंग से “भारत को सदियों पुराने प्रतिबंधों से मुक्त कर दिया है।”
डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्थानीय स्वशासी संस्थानों में बदलाव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद अब अपने अंतिम चरण में है और आजादी के बाद पहली बार जिला परिषदों की स्थापना की जा रही है। केंद्रीय राज्य मंत्री महोदय ने कहा कि दशकों पहले 73वें और 74वें संवैधानिक संशोधनों के कार्यान्वयन के बावजूद, जम्मू-कश्मीर पिछले नेताओं के गुप्त उद्देश्यों और निहित स्वार्थों के कारण अपवाद बना रहा। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करना इस परिवर्तन में एक महत्वपूर्ण कदम था।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने जोर देकर कहा कि केंद्र और जम्मू-कश्मीर दोनों में “डबल इंजन सरकार” एक वरदान सिद्द होगी, जो परिवर्तन के 3 प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगी-
1- लोकतांत्रिक संस्थानों का लोकतंत्रीकरण: लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को पुनर्जीवित करना और उनका विस्तार करना।
2- स्व-शासन के माध्यम से शासन: स्थानीय स्वशासन और प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाना।
3- अनछुए क्षेत्रों की खोज द्वारा विकास: नए विकास के अवसरों को खोलना, जैसे कि अरोमा मिशन के माध्यम से नवीन कृषि-स्टार्टअप, जिसने क्षेत्र के हजारों युवाओं के लिए रोजगार और उद्यमशीलता के रास्ते तैयार किए हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में, ऐतिहासिक परिवर्तनों से लोकतांत्रिक आकांक्षाएं फली-फूली हैं और एक स्थिर, शांतिपूर्ण जम्मू-कश्मीर सामने आया है। उन्होंने बताया कि हाल के लोकसभा चुनावों में कुल मतदान लगभग 60 प्रतिशत था, जो लगभग राष्ट्रीय औसत के बराबर था। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के मुख्यधारा में शामिल होने के महत्व को रेखांकित किया।
इस दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री ने शिकायत निवारण के लिए केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (CPGRAMS) मॉडल की प्रशंसा की, जो लगभग 97-98 प्रतिशत निपटान दर सुनिश्चित करता है। उन्होंने किसानों के लिए ड्रोन मैपिंग जैसी तकनीकी प्रगति का भी उल्लेख किया, जो स्थानीय समुदायों को सशक्त बना रही है।
विकास की संभावनाओं के बारे में बातचीत करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता के बावजूद, अज्ञात क्षेत्रों के कारण विकास बाधित हुआ है। उन्होंने शाहपुर-कांडी परियोजना का हवाला दिया, जो वर्षों से रुकी हुई थी, लेकिन विशेष प्रयासों और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्राथमिकता के कारण अब पटरी पर है। उन्होंने यह भी भविष्यवाणी की कि रैटल जैसी परियोजनाओं की पिछली उपेक्षा को दूर करते हुए किश्तवाड़ उत्तर भारत के लिए एक बिजली केंद्र के रूप में उभरेगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की उल्लेखनीय उपलब्धियों पर बल दिया, जिसमें विश्व स्तर पर तीसरे अग्रणी स्टार्टअप गंतव्य तक पहुंचना, स्टार्टअप की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि और वैश्विक नवाचार सूचकांक में रैंकिंग में सुधार शामिल है। उन्होंने वर्ष 2005 में विश्व की सबसे कमज़ोर पांच अर्थव्यवस्थाओं में से एक होने से लेकर अब विश्व की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने तक भारत के सफर पर प्रकाश डाला, जिसके और आगे बढ़ने की संभावना है।