बिहार के बांका में मुरही-सब्जी खाने के बाद कई बच्चों की तबीयत बिगड़ गई है. बौसी क्षेत्र के पिलुवा गांव स्थित एक निजी आवासीय विद्यालय का ये मामला है. जहां मंगलवार की देर शाम फूड प्वाइजनिंग से दो दर्जन से अधिक बच्चे बीमार हो गए हैं. बच्चों की हालत बिगड़ते देख शिक्षकों ने बीमार बच्चों को रेफरल अस्पताल पहुंचाया. जहां ड्यूटी पर मौजूद डॉ. आरके सिंह और डॉ. उत्तम कुमार ने प्राथमिक उपचार कर बेहतर चिकित्सा के लिए 14 बच्चों को एंबुलेंस से भागलपुर रेफर कर दिया है. इनमें से 4 बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है. वहीं, अन्य बीमार बच्चों का रेफरल अस्पताल में इलाज चल रहा है।
वहीं, अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात डॉ. उत्तम कुमार ने बताया कि बच्चों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है. कुछ बच्चों को गले में दर्द, शरीर में ऐंठन के साथ दर्द और जलन की शिकायत है. कुछ बच्चों ने छाती में दर्द होने की शिकायत की है. फिलहाल बच्चों को दर्द निवारक दवा दी गई है. उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया फूड प्वाइजनिंग का मामला लग रहा है।
“बच्चों में सांस लेने में तकलीफ, गले में दर्द, शरीर में ऐंठन के साथ दर्द और छाती में दर्द होने की शिकायत है. सभी बच्चों को दर्द निवारक दवा दी गई है. कुछ बच्चों को भागलपुर रेफर किया गया है. प्रथम दृष्टया फूड प्वाइजनिंग का मामला लग रहा है.”- डॉ. उत्तम कुमार, चिकित्सक, रेफरल अस्पताल, बांका
क्या बोले बीमार बच्चे?: जिन बच्चों की तबीयत बिगड़ी है, उनकी उम्र 8 से 12 साल के बीच की बताई जा रही है. वहीं, अस्पताल में भर्ती बच्चों ने बताया कि दोपहर में हमलोगों ने दाल-भात के साथ भिंडी और चने की सब्जी खाया था. वहीं शाम में नाश्ते में चूड़ा-मुरही और सब्जी खाया था. इसके बाद हमारी तबीयत बिगड़ने लगी. जिसके बाद हमारे शिक्षक हमें अस्पताल लेकर आए हैं।
डीएम ने बेहतर इलाज का दिया निर्देश: स्कूल में 200-250 बच्चों की संख्या बताई जा रही है. स्कूल का संचालन किन परिस्थितियों में हो रहा है, यह जांच का विषय बना हुआ है. वहीं, जानकारी मिलने के बाद स्थानीय पुलिस ने अस्पताल पहुंचकर बच्चों के तबीयत की जानकारी ली है. बांका डीएम अंशुल कुमार ने घटना की जानकारी लेते हुए सभी बीमार बच्चों को बेहतर चिकित्सा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।