देश के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। इसके लिए प्लेटफॉर्म एग्रीगेटर्स को ई-श्रम पोर्टल पर अपने श्रमिकों को पंजीकृत करने के लिए आमंत्रित किया गया है। इस पंजीकरण का उद्देश्य सामाजिक कल्याण की योजनाओं तक श्रमिकों की पहुँच सुनिश्चित करना है, दूसरी तरफ एग्रीगेटर्स लाभार्थियों के सटीक पंजीयन करने में मदद करेंगे। पंजीकरण के बारे में जानकारी और मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए टोल-फ्री हेल्पलाइन (14434) बनाई गई है। वहीं, केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया 18 सितम्बर को एग्रीगेटर्स से मुलाकात करेंगे।
श्रम और रोजगार मंत्रालय ने आज एक बयान में इसकी जानकारी दी है। मंत्रालय ने एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के साथ एक परामर्श जारी किया है जिसमें एग्रीगेटर की जिम्मेदारियों को रेखांकित किया गया है, जिसमें श्रमिकों को पंजीकृत करना और उनके डेटा को अपडेट करना शामिल है। पंजीकरण के बाद, प्लेटफ़ॉर्म श्रमिकों को एक यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) प्राप्त होगा, जो प्रमुख सामाजिक सुरक्षा लाभों तक उनकी पहुंच सुनिश्चित करेगा।
दरअसल कुछ एग्रीगेटर्स के साथ मिलकर काम कर रही केंद्र सरकार ने एपीआई एकीकरण के लिए किए गए परीक्षण को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है और पंजीकरण प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही है। इस संयुक्त प्रयास का उद्देश्य मंत्रालय और प्लेटफ़ॉर्म एग्रीगेटर्स के बीच चल रहे सहयोग के साथ गिग वर्कर्स की पूरी कवरेज सुनिश्चित करना है।
दिशा-निर्देशों के माध्यम से, एग्रीगेटर्स से यह भी अनुरोध किया गया है कि वे नियमित रूप से कामगारों के विवरण को अपडेट करते रहें, जिसमें कार्य संलग्नता और भुगतान शामिल हैं। सटीक रिकॉर्ड बनाए रखने के लिए किसी भी कर्मचारी के बाहर निकलने की सूचना तुरंत देनी होगी।
मंत्रालय ने श्रमिकों और एग्रीगेटर्स की सहायता करने, जानकारी प्रदान करने, पंजीकरण में मार्गदर्शन करने और प्रक्रिया के दौरान आने वाली किसी भी तकनीकी समस्या को हल करने के लिए एक टोल-फ्री हेल्पलाइन (14434) भी बनाई गई है। केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया कल एग्रीगेटर्स के साथ एक बैठक करेंगे, ताकि उन्हें इस महत्वपूर्ण पहल के प्रति संवेदनशील बनाया जा सके और प्रोत्साहित किया जा सके।